Chhattisgarh Monsoon News: छत्तीसगढ़ में मानसून की बेरुखी ने किसानों की परेशानी बढ़ा दी है. कुछ जिलों को छोड़कर बाकी जिलों में सूखा पड़ रहा है. आसमान में बादल तो छाए हैं लेकिन पानी बरस नहीं रहा है. इसके चलते खेती किसानी शुरू नहीं हो पाई है. किसान हर साल मानसून की पहली बारिश में यानी जून महीने में खरीफ की फसल की तैयारी शुरू कर देते हैं, लेकिन इस बार बिना बारिश के खेती किसानी में देरी हो रही है.


जून में 27 प्रतिशत कम हुई बारिश
दरअसल राज्य में जून के महीने में 27 प्रतिशत कम बारिश हुई है. इसके चलते खेती-किसानी में देरी हो रही है. महासमुंद के किसानों का कहना है कि धान बुवाई का कार्य तेजी से चल रहा है, कहीं धान बुवाई का कार्य पूर्ण हो चुका है तो कहीं आधे से ज्यादा बुवाई हो चुकी है. क्षेत्र में नियमित वर्षा ना होने और तेज गर्मी पड़ने से किसान परेशान हैं क्योंकि उन्हें मानसून की बेरूखी का सामना करना पड़ रहा है.


बारिश नहीं हुई तो धान की फसल हो जाएगी खराब


किसान नेता पारसनाथ साहू ने कहा कि खुर्रा बोनी के बाद 15 दिन वर्षा ना हो तो भी नुकसान नहीं होता लेकिन इस वर्ष जमीन में काफी नमी है. धान बोने के बाद 5 दिन के अंदर पानी गिरना जरूरी है नहीं तो मिट्टी में नमी के कारण धान अंकुरित होकर खराब होने की आशंका रहती है. अगर मौसम की अनिश्चितता इसी प्रकार बनी रही तो धान बीज के खराब होने की संभावना है जिसे मौसम विभाग भी स्वीकार कर चुका है.


अगले 24 घंटे में बारिश के आसार
मानसूनी की बेरुखी के बीच मौसम विभाग ने राहत भरी खबर दी है. पश्चिम बंगाल की खाड़ी में एक चक्रवात के कारण अगले 24 घंटे में बारिश होने के आसार हैं. इससे प्रदेश के सभी कोने में बारिश हो सकती है. रायपुर मौसम विभाग के विज्ञानी एचपी चंद्रा ने बताया कि चक्रीय चक्रवाती घेरा दक्षिण झारखंड और उसके आसपास 5.8 किलोमीटर ऊंचाई तक विस्तारित है. इसके प्रभाव से अगले 24 घंटे में एक निम्न दाब का क्षेत्र बनने की संभावना है. इससे अधिकांश स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा होने के की संभावना है.


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