Chhattisgarh Weather Update Today 17 July 2022: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में पिछले 10 दिनों से जमकर बारिश हो रही है. इससे राज्य की प्रमुख नदियों में जलस्तर बढ़ गया है और बस्तर (Bastar) के नदी-नाले उफान पर हैं. इससे बीजापुर और सुकमा जिला में बाढ़ की स्थिति बनी हुई है. बाढ़ की वजह से आवाजाही प्रभावित हो गई है. सड़कों में पानी भरा हुआ है. इस बीच शनिवार को कैबिनेट मंत्री कवासी लखमा (Kawasi Lakhma) ने पिकअप से बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा किया और लोगों से मुलाकात की.

 

दरअसल जुलाई महीने में दक्षिण और मध्य छत्तीसगढ़ में भारी बारिश हुई है. हालांकि, उत्तर छत्तीसगढ़ में अभी भी कई जिलों में ठीक से बारिश नहीं हुई है, जिससे कुछ जिलों में औसत से कम बारिश दर्ज किया गया है. बाकी बस्तर संभाग के इंद्रावती नदी और इससे सहायक नदी-नालों में पानी का तेज बहाव है. वहीं मध्य छत्तीसगढ़ में महानदी और इसकी सहायक नदी शिवनाथ में भी जलस्तर बढ़ गया है. इधर रायपुर के खारुन नदी में जलस्तर बढ़ गया है.

 


 

भारी बारिश की चेतावनी जारी

 

बारिश से फिलहाल राहत मिलती नजर नहीं आ रही है. मौसम विभाग ने रविवार को भी भारी बारिश की चेतावनी जारी की है. मौसम केंद्र रायपुर के मौसम वैज्ञानिक एचपी चंद्रा ने कहा कि एक निम्न दाब का क्षेत्र उत्तर-पश्चिम बंगाल की खाड़ी और इससे लगे तटीय पश्चिम बंगाल-तटीय उड़ीसा के पास स्थित है. इसके साथ ऊपरी हवा का चक्रीय चक्रवाती घेरा 7.6 किलोमीटर ऊंचाई तक फैला है. इसके कारण रविवार को प्रदेश के ज्यादातर स्थानों पर भारी बारिश के साथ गरज-चमक की संभावना है.

 

संपत्ति नुकसान का होगा सर्वे

 

बाढ़ प्रभावित इलाकों के दौरे के बाद मंत्री कवासी लखमा ने कहा, "मुख्यमंत्री भूपेश बघेल लगातार मुझसे फोन के माध्यम से संपर्क कर बाढ़ की स्थिति की जानकारी लेते रहे और पीड़ित परिवारों से मिलने के लिए तारलागुड़ा भेजा है, ताकि मैं वास्तविक स्थिति उन्हें बता सकूं." लखमा ने कहा कि तारलागुड़ा की स्थिति से विधायक और कलेक्टर से लगातार संपर्क में था और राहत-बचाव के लिए आवश्यक दिशा निर्देश भी दिए. राहत केंद्र चलाए जा रहे हैं. बाढ़ प्रभावितों को राशन पहुंचाया जा रहा है. वहीं बाढ़ से हुए नुकसान पर लखमा ने कहा कि पानी कम होने पर क्षतिग्रस्त संपत्ति, घर, मकान, पशुधन, फसल के मूल्यांकन के निर्देश दिए गए हैं.