Chhattisgarh: ठंड में सताने वाला कोहरा बनने की क्या है वजह और कैसे बनती हैं ओस की बूंदें? जानें- यहां
छत्तीसगढ़ के सरगुजा में आज घन कुहरा देखने को मिला. जानकारों के मुताबिक घना कोहरा मतलब स्थानीय भूसतही वायुमंडल का संतृप्त हो जाना. संतृप्त वायु में आर्द्रता की मात्रा 100 फीसदी हो जाती है.
Surguja News: नए साल के दूसरे दिन छत्तीसगढ़ के सरगुजा संभाग की सुबह घने कोहरे से घिरी रही. ठंड के सीजन के पहले कोहरे ने कम होती ठंड का भी बड़ा दिया है. इस घने कोहरे ने इंसान के साथ यातायात को भी प्रभावित किया है. ऐसे में हादसों का भी खतरा बढ़ जाता है. कोहरे की वजह से संभाग मुख्यालय अम्बिकापुर समेत कई स्थानों में आज सूर्योदय का नजारा देखने को नहीं मिला है. लोग सुबह घर से निकलने का मूड भी नहीं बना पाएं हैं. प्रदेश में सबसे अधिक ठंड सरगुजा संभाग में महशूश की जाती है. ऐसे में इस कोहरे ने ठंड बढ़ने की संभावना को और बढ़ा दिया है.
क्या है Advection fog ?
सरगुजा के मौसम वैज्ञानी अक्षय मोहन भट्ट बताते हैं कि सम्पर्कीय कोहरा ( Advection fog) दो अलग अलग तापक्रमों की हवाओं के आपसी संपर्क से बनता है. ठंडे धरातल पर जब गर्म और आर्द्र हवा क्षैतिज संचरण करती हैं, तब तापमान में गिरावट के कारण इस प्रकार का कोहरे की स्थिति बनती है. उनके मुताबिक ठंड के दिनों में जमीनी हिस्से में और गर्मी के दिनों में समुद्री भागों में इसके बनने की अनुकूल परिस्थितियां रहती हैं. साथ ही ऐसे कुहरे की ऊंचाई या मोटाई 300 से 600 मीटर होती है.
फिर कैसे बनती है “ओस” ?
छत्तीसगढ़ के सरगुजा में आज घन कोहरा देखने को मिला. जानकारों के मुताबिक घना कोहरा मतलब स्थानीय भूसतही वायुमंडल का संतृप्त हो जाना. संतृप्त वायु में आर्द्रता की मात्रा 100 फीसदी हो जाती है. जिससे उसमें और अधिक जलवाष्प कणों को धारण करने की क्षमता समाप्त हो जाती है. इस वजह से संघनन की क्रिया प्रारंभ होती है और वायुमंडल के जलवाष्प का द्रवीकरण होने लगता है. जो धरती पर ओस की बूंद के रूप में दिखती हैं.