Chhattisgarh Wild Animal Death: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में कई वन्य प्राणियों के लिए जंगल अनुकूल है. हर क्षेत्र में तरह-तरह के जंगली जानवर हैं. लेकिन जंगली जानवरों की सुरक्षा पर पहली बार सवाल उठाया गया है. वन्य प्रेमी नितिन सिंघवी (Nitin Singhvi) ने सैकड़ों वन्य प्राणियों की मौत कुएं में गिरकर होने का दावा किया है और इसके लिए वन विभाग को जिम्मेदार ठहराया है. दरअसल वन क्षेत्रों और इसके आस-पास खुले-सूखे कुओं में दुर्घटनावश वन्य प्राणियों जैसे- तेंदुआ, भालू, लकड़बग्घा, हाथी, लोमड़ी आदि की गिरने से मौत हो रही है.
नितिन सिंघवी का कहना है कि खुले कुओं में गिरने से वन्य प्राणियों के चोटिल होने से रोकने के लिए कुएं के चारों ओर उचित ऊंचाई की दीवार बनाने या जाली से ढकने के साथ-साथ सूखे कुओं को बंद करने के भारत सरकार और छत्तीसगढ़ शासन के निर्देशों की वन विभाग अनदेखी कर उल्लंघन कर रहा है. इसलिए वन मंत्री को पत्र लिख कर कार्रवाई की मांग की गई है.
27 जनवरी को हुई थी तेंदुए की मौत
हाल ही में 27 जनवरी को कांकेर वन मंडल में ऐसे ही एक खुले कुएं में गिरकर एक तेंदुए की मौत हो गई. इस खुले कुएं के चारों ओर उचित ऊंचाई की दीवार नहीं बनाई गई थी. अगर जागरूकता बरती गई होती तो तेंदुए की मौत नहीं होती. सिंघवी ने आरोप लगाया कि वन विभाग को खुलासा करना चाहिए कि किस बात का अभिमत उन्हें अधीनस्थों से चाहिए? वन विभाग को नहीं मालूम कि राज्य निर्माण पश्चात सैकड़ों वन्य जीव खुले कुएं में गिर कर मर गए हैं.
पिछले साल केंद्र सरकार ने दिए थे कार्रवाई के निर्देश
पूरे मामले की जानकारी देते हुए शिकायतकर्ता नितिन सिंघवी ने बताया गया कि 2017 में सूखे कुएं में गिरने से एक हाथी की मौत हो गई थी. इसके बाद 2021 में सचिव, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय भारत सरकार को पत्र लिखकर कर खुले कुओं को बंद करवाने की मांग की गई थी. शिकायत पर भारत सरकार ने 27 सितंबर 2021 को छत्तीसगढ़ शासन के सचिव, वन विभाग को पत्र लिखकर मामले में जांच कर आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे.
वन विभाग की तरफ से अभी नहीं मिला है कोई जवाब
उन्होंने बताया कि भारत सरकार और छत्तीसगढ़ शासन के निर्देशों के अनुसार प्रदेश भर में वन क्षेत्रों और उसके आसपास खुले हुए कुओं, जिनमें वन्य प्राणियों के गिरने की संभावना हो, उसके चारों तरफ ऊंची दीवार और जाली से ढका जाना चाहिए. लेकिन सरकार के आदेश को नजरंदाज किया जा रहा है. इसलिए नितिन सिंघवी ने पूरे प्रकरण में छत्तीसगढ़ के वन मंत्री से शिकायत की है. फिलहाल इस मामले वन विभाग की तरफ से कोई जवाब नहीं मिला है.
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