Chhattisgarh: पुलिस कंट्रोल रूम में घुस गए हाथी, जमकर मचाया उत्पात, जवानों ने ऐसे बचाई जान
Chhattisgarh Elephant Attack: बालोद शहर में तांदुला जलाशय से होता हुआ एक जंगली दंतैल हाथी पुलिस कंट्रोल रूम तक पहुंच गया. हाथी को सामने देख पुलिसकर्मी जान बचाने के लिए मेज-कुर्सी के नीचे छिप गए.
Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ में हाथियों (Elephant) का आतंक इस क़दर बढ़ गया है अब ये शहरी इलाकों में भी दस्तक देने लगे हैं. जंगली हाथी ने पुलिस कंट्रोल रूम को निशाना बनाया है. बालोद (Balod) में ऐसा नजारा देखने को मिला जिसमें पुलिस वालों की जान आफत में आ गई. रात को बालोद के पुलिस कंट्रोल रूम (Police Control Room) में हाथी घुस गया. करीब डेढ़ घंटे तक पुलिस की जान आफत में रही. पुलिस कर्मियों को अपनी जान बचाने के लिए बाहर भागना पड़ा. वहीं अंदर रहने वाले पुलिसकर्मी जहां के वहीं जमे रहे. करीब दो घंटे बाद हाथी खुद ही चला गया तब जाकर पुलिस कर्मियों की जान में जान आई.
बालोद पुलिस कंट्रोल रूम में जंगली हाथी ने जमकर मचाया उत्पात
जानकारी के मुताबिक बालोद शहर में तांदुला जलाशय से होता हुआ एक जंगली दंतैल हाथी पुलिस कंट्रोल रूम तक पहुंच गया. दंतैल हाथी को सामने देख पुलिसकर्मी जान बचाने के लिए मेज-कुर्सी के नीचे छिप गए. रात करीब 9 बजे से 10.30 बजे तक हाथी पुलिस कंट्रोल रूम में वहीं इधर- उधर घूमता रहा वहां से निकलने के बाद मुख्य मार्ग होते हुए हाथी जुर्टी पारा की ओर बढ़ गया. इसके चलते शहर में भी डर फैल गया. इस दौरान पुलिसकर्मी काफी दहशत में दिखे.
जंगली हाथी को देखकर जवानों ने छुपकर बचाई अपनी जान
हाथी के डिस्ट्रिक्ट हेडक्वार्टर में आने से पूरे इलाके में हड़कंप मच गया. यहां ड्यूटी कर रहे पुलिसकर्मी हाथी को देखकर डर गए. वह साइबर सेल के कार्यालय में दुबकर बैठ गए. काफी देर तक जिला मुख्यालय के कर्मचारी और लोग हाथी को भगाने का प्रयास करते रहे. लेकिन कोई हाथी के पास नहीं जा सका. हर कोई इस घटना से डरा हुआ था. मौके पर भारी संख्या में पुलिस बल और वन अमले को तैनात किया गया. लेकिन हाथी को भगाने में कोई कामयाबी हासिल नहीं हो पाई.
सरकार को ठोस कदम उठाने की है जरूरत
बालोद जिला का अधिकतम इलाका जंगलों से घिरा हुआ है कई रहवासी इलाके जंगलों से सटे हुए हैं. यही वजह है कि यहां हाथियों का उत्पात हमेशा कायम रहता है. इस बार जंगली हाथी ने बालोद जिला मुख्यालय में ही दस्तक दे दी. यहां बढ़ते हाथी और मानव के संघर्ष को लेकर और घटते जंगल की वजह से हुआ है. ऐसे में अब हाथियों के सुरक्षित रहवास को लेकर सरकार को कोई ठोस कदम उठाने की अब जरूरत है.
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