इंद्रावती टाइगर रिजर्व में दिखा Blue Eared Kingfisher, कैमरे में कैद हुई दुर्लभ प्रजाति की तस्वीर
Blue Eared Kingfisher in Chhattisgarh: ब्लू यर्ड किंगफिशर दुनिया के विलुप्त पक्षियों की श्रेणी में शामिल है. यह कुछ चुनिंदा जगह पर पाया जाता है. अब इसके बीजापुर में दिखने से पक्षी प्रेमी उत्साहित हैं.
![इंद्रावती टाइगर रिजर्व में दिखा Blue Eared Kingfisher, कैमरे में कैद हुई दुर्लभ प्रजाति की तस्वीर Chhattisgarh Wild Life Blue Eared Kingfisher Seen in Indravati Tiger Reserve Bijapur ANN इंद्रावती टाइगर रिजर्व में दिखा Blue Eared Kingfisher, कैमरे में कैद हुई दुर्लभ प्रजाति की तस्वीर](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/07/31/1e7993a9c1ff8faa6e35ad79565bf5cd1722410034484651_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
Chhattisgarh News Today: छत्तीसगढ़ वाईल्ड लाइफ के लिए एक अच्छी खबर है. प्रदेश के बीजापुर जिले में मौजूद इंद्रावती टाइगर रिजर्व में म्यांमार से वेस्टर्न घाट तक पाए जाने वाला ब्लू यर्ड किंगफिशर को देखा गया है.
यह पक्षी अमूमन नालों या खाड़ियों वाली आद्रभूमी और उथले समुद्री इलाकों में पाया जाता है, लेकिन अब बस्तर में भी इस पक्षी के दिखने से इंद्रावती टाइगर रिजर्व प्रबंधक ने खुशी जाहिर की है. जानकारी के मुताबिक, बर्ड एक्सपर्ट सूरज नायर ने इस पक्षी की तस्वीर अपने कैमरे में कैद कर ली है.
ब्लू यर्ड किंगफिशर की तस्वीर कैमरे में कैद
उन्होंने बताया कि साल 2018 में पहली बार इंद्रावती टाइगर रिजर्व में इसे देखा गया था. तब इसे कैमरे में कैद नहीं किया जा सका था. लेकिन साल 2024 में एक बार फिर जब इस पक्षी का आगमन हुआ, तब पहली बार इसे कैमरे में कैद किया जा सका और कड़ी मशक्कत के बाद उन्हें फोटो लेने में सफलता मिली.
ब्लू यर्ड किंगफिशर विलुप्त प्रजाति में शामिल
इंद्रावती टाइगर रिजर्व के उपनिदेशक संदीप बलगा ने बताया कि म्यांमार का ब्लू यर्ड किंगफिशर पक्षी इंद्रावती टाइगर रिजर्व में कहां से आया, इसे लोकेट करने का प्रयास किया जा रहा है. उन्होंने पक्षी विशेषज्ञों को पक्षी कहां से आया और कहां जा रहा है, इसकी जानकारी निकालने के भी निर्देश दिए हैं.
पक्षी विशेषज्ञ ने बताया कि ब्लू यर्ड किंगफिशर का विलुप्त प्रजाति के पक्षी में शुमार होता है. छोटा गहरा नीला किंगफिशर इसकी आंख के सामने एक नारंगी धब्बा होता है. गर्दन के किनारो पर सफेद कान के गुच्छे हैं और गहरे नीले रंग की पट्टियों के साथ एक अल्ट्रामरीन नीला सिर और गर्दन है, जो इसे एक पपड़ीदार रूप देता है. ऊपरी हिस्सा चमकदार गहरा नीला और पीछे की तरफ नीचे की ओर हल्के नीले रंग का केंद्रीय बेड होता है.
इन जगहों पर पाया जाता है ब्लू यर्ड किंगफिशर
इंद्रावती टाइगर रिजर्व के पक्षी विशेषज्ञ सूरज नायर ने बताया कि नीले कान वाला किंगफिशर जीपीएस लोकेटर पर इंद्रावती टाइगर रिजर्व बीजापुर के मद्देड़ बफर के मिन्नूर गांव में देखा और पाया गया है. आमतौर पर नीली कान वाले किंगफिशर प्रजातियां उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय नम तराई के जंगलों और मैंग्रोव के जंगलों के साथ ही आद्रभूमियों, नदियों, नालो या खाड़ियों वाली आद्रभूमियो और उथले समुद्री मुहल्लों में पाई जाती हैं.
यह नीले कान वाले किंगफिशर जीरो से करीब 1200 मीटर की ऊंचाई पर पाए जाते हैं. यह पक्षी भारत, चीन, नेपाल, बांग्लादेश, श्रीलंका, म्यांमार, थाईलैंड, कंबोडिया, वियतनाम, मलेशिया, सिंगापुर, इंडोनेशिया, बुनेई और फिलिपींस में विचरण करते हैं.
शोध करने में जुटी विशेषज्ञों की टीम
छत्तीसगढ़ के इंद्रावती टाइगर रिजर्व में इसे पहली बार देखा गया है और इसकी तस्वीर ली गई है. उन्होंने बताया कि टाइगर रिजर्व के उपनिदेशक से मिले निर्देश के बाद अब इस पक्षी पर शोध किया जा रहा है. यह पक्षी एक से या एक से अधिक हैं, इस बारे में भी पता है लगाया जा रहा है.
ये भी पढ़ें: जवानों को नुकसान पहुंचाने के लिए नक्सलियों ने बिछाया था 'मौत का सामान', BDS की टीम ने खोज निकाला
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)