Manendragarh-Chirmiri-Bharatpur News: आधुनिक युग में इंसान भले ही कितना एडवांस हो गया हो लेकिन आज भी ग्रामीण इलाकों में कई समाजिक बुराई समाज के लिए नासूर बनी हुई हैं. ऐसा ही एक मामला छत्तीसगढ़ के मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिले के भरतपुर ब्लॉक में सामने आया है. यहां एक महिला को केवल इसलिए सरकारी राशन नहीं मिल पा रहा है क्योंकि उसको कुष्ठ रोग है. इसकी वजह से लोग छुआ-छूत मानकर उससे दूर रहते हैं और उसे सरकारी राशन नहीं मिल पा रहा है. वहीं गांव के सरपंच की कुछ अलग ही दलील है. 


कुष्ठ रोग को छुआ-छूत मानते हैं लोग
मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिले के भरतपुर ब्लॉक का एक ग्राम पंचायत चांटी है. यहां पर एक बेहद वृद्ध महिला तुलसिया बाई साहू रहती हैं जो कुष्ठ रोग से पीड़ित हैं. कुष्ठ रोग से पीड़ित होने के कारण लोग छुआ-छूत मानते हुए उनके नजदीक भी नहीं जाते हैं. यही वजह है कि उनको कई महीने से शासन से मिलने वाला सरकारी अनाज नहीं मिल पा रहा है. दरअसल, महिला की जानकारी बायोमैट्रिक सिस्टम में अपलोड नहीं होने के कारण उनको राशन नहीं मिल पा रहा है. बुजुर्ग महिला जब बायोमैट्रिक के लिए राशन दुकान पर जाती है तो उसे ये कहकर वापस भेज दिया जाता है कि जब ये रोग ठीक हो जाए तब आना. हैरत की बात यह है कि इस बात की जानकारी जिम्मेदार जनप्रतनिधियों के साथ ही संबंधित अधिकारियों को भी है लेकिन आज तक किसी ने इसकी ओर नजरें इनायत नहीं की. 


महिला सरपंच की अपनी दलील है
जानकारी के मुताबिक गांव की महिला सरपंच ही शासकीय उचित मूल्य की दुकान का संचालन करती है. आलम ये है कि अब तक सरकारी राशन पर आश्रित महिला को खाने के लाले पड़े हैं. चांटी ग्राम पंचायत की महिला सरपंच का इस मामले में अलग दलील है. इनके मुताबिक पिछले आठ महीने तक तुलसिया को सरकारी राशन दिया जा रहा था. इसके बाद बिना बायोमैट्रिक के राशन दिए जाने के कारण उसको खाद्य विभाग से नोटिस मिल गया. इसलिए उसको अब राशन नहीं मिल रहा है. वहीं सरपंच के जवाब से ये सवाल भी उठता है कि जब पीड़ित महिला के कुष्ठ रोग को लोग छुआ-छूत मान रहे हैं तो ऐसे में महिला राशन दुकान आ नहीं सकती है.  वहीं क्या महिला सरपंच उसके घर जाकर बायोमैट्रिक अपलोड नहीं करा सकती है. 



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