Chhatisgarh News: छत्तीसगढ़ के भिलाई महिला समूहों ने फूलों से हर्बल गुलाल बनाया है जो लोगों का काफी पसंद आ रहा है. इस गुलाल की खास बात ये है कि इस गुलाल से त्वचा या शरीर को कोई नुकसान नहीं होता है. यही वजह है कि लोग इसे हाथों-हाथ खरीद रहे हैं. इस गुलाल की मांग इतनी ज्यादा है कि गुलाल का ऑर्डर पूरा करने लिए महिलाए एक बार फिर से इसे बनाने में जुट गई हैं.
हाथों हाथ बिका फूलों का गुलाल
दरअसल स्व सहायता समूह की महिलाओं ने होली पर्व को देखते हुए फूलों से गुलाल बनाने का काम प्रारंभ किया था. जिसके लिए 70 किलो की लक्ष्य रखा गया था. परंतु 70 किलो फूलों से बने रंग हाथों हाथ बिक गए. डिमांड को देखते हुए अब महिलाएं एक बार फिर 30 किलो और गुलाल बना रही हैं. महापौर नीरज पाल, नगर निगम आयुक्त प्रकाश सर्वे, सभापति गिरवर बंटी साहू, महापौर परिषद के सदस्य संदीप निरंकारी एवं अन्य सदस्यों ने फूलों से बनी रंग खरीदी और शहरवासियों से भी गौठान में निर्मित हर्बल गुलाल को खरीदने की अपील की.
मंदिरों में चढ़ने वाले फूलों से बनाया गुलाल
महिलाओं ने मंदिरों में चढ़ने आए फूलों को एकत्र करके इसका उपयोग करने के उद्देश्य से फूलों से गुलाल बनाने का काम शुरू किया था. जिसके बाद से शहर भर के मंदिरों से फूल इकट्ठे किए जाते हैं. गेंदा, गुलाब, सेवंती, कमल जैसे फूलों का उपयोग गुलाल रंग बनाने के लिए किया जा रहा है. होली पर्व को देखते हुए इसकी व्यापक तैयारियां महिलाओं ने की थी. इन्होंने गुलाबी, हरा, जामुनी, संतरी, पीला और लाल रंग का गुलाल तैयार किया. 70 किलो का लक्ष्य रखते हुए होली से पूर्व ही गुलाल की बिक्री हो गई जिससे महिलाओं की कमाई भी हुई.
गायत्री स्वयं सहायता समूह की महिलाएं अर्चना नागवंशी, पूनम साहू एवं सुलोचना धनकर ने इस पर विशेष रुप से ध्यान दिया. विक्रय के लिए महिलाओं ने सुपेला लक्ष्मी मार्केट, कोहका एवं निगम परिसर में स्टाल लगाया था. इसके अलावा लोगों ने शहरी गौठान से ज्यादा मात्रा में फूलों से बने रंग गुलाल की खरीदी की. इस गुलाल की कीमत महिलाओं ने 10 रुपए रखी है और प्रति किलो गुलाल की कीमत 100 रुपए रखी हुई है.
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