Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ में गोबर खरीदी योजना से महिलाओं जिंदगी बदल रही है. जो महिलाएं पहले घर के कामकाज के बाद कुछ नही कर पाती थी. आज वही महिलाएं घर भी चला रही हैं और आर्थिक रूप से मजबूत हो रहीं हैं. इसके साथ ही अब महिलाएं गोबर से तरह-तरह के प्रोडक्ट बना रही हैं. महिलाओं द्वारा जैविक खाद बिजली चप्पल के बाद गोबर टाइल्स (Cow Dung Tiles) बनाया जा रही हैं और इसे बेच लाखों रुपये भी कमा रहीं हैं.
30 से ज्यादा प्रकार के प्रोडक्ट बनाती है महिला समूह
दरअसल, राजधानी रायपुर के गोकुल नगर गौठान की महिला स्व-सहायता समूह ने आत्मनिर्भर बनने की दिशा में आगे बढ़ रही हैं. प्रत्यक्ष रूप से गोबर बेचकर तो लोगों को लाभ हो ही रहा है, लेकिन गोबर से जैविक खाद और दूसरे प्रॉडक्ट का निर्माण कर महिला स्व. सहायता समूह भी लाभ कमा रही हैं. रायपुर के इस स्व सहायता समूह में 13 महिलाएं काम करती हैं. जो गोवंश के देखभाल के साथ-साथ गोबर से कई तरह के प्रोडक्ट बनाती हैं. इसमें देशी गाय के गोबर से, लकड़ी, कंडे, धुप, हवन सामग्री, खाद, गुलाल, मूर्तियां, गमले, टाइल्स, जैसी अलग-अलग सामग्रियां बनाई जाती हैं. महिला समूह ने बताया कि गौठान में ऐसे कई प्रोडक्ट हैं जो दुनिया में पहली बार बने हैं, जिनमे गोबर की चप्पल, सूटकेस, घड़ियां, पेंटिंग्स शामिल है.
सालाना 30 लाख रुपए की महिला समूह को कमाई
छत्तीसगढ़ शासन की फ्लैगशिप योजना "नरवा, गरूवा, घुरूवा और बाड़ी" के तहत गोकुल नगर में 2.5 एकड़ जमीन में गौठान का निर्माण किया गया है. यहां गोबर को बेचा नहीं जाता, बल्कि इससे कई प्रकार की सामग्री बनाने का काम महिला स्व-सहायता समूह द्वारा किया जाता है. इन उत्पादों की बिक्री से गौठान को सालाना 30 लाख की आमदनी होती है. इसे महिला समूह आपस में बांट लेती है.
महिलाएं बना रही हैं टाइल्स
महिलाओं ने बताया कि गौठान में 400 से अधिक देशी गाय हैं, जिनसे रोजाना करीब 3 हजार किलो गोबर मिलता है. इस गोबर का उपयोग करके यहां 30 से ज्यादा प्रकार के प्रोडक्ट बनाए जाते हैं. इन दिनों इस गौठान की स्व-सहायता समूह की महिलाएं गोबर से टाइल्स बनाने के काम में जुटी हैं. एक पहल स्व सहायता समूह की नोमिन पाल ने बताया कि पति के निधन के बाद घर चलाना मुश्किल हो गया था. 6 महीने बहुत दिक्कत हुई. अब गौठान के जरिए गोबर से निर्मित कई सामान बना रहे हैं. इससे महीने में लगभग 10 हजार रुपये कमा लेते हैं.
बजट के ब्रीफकेस ने दिलाई पहचान
छत्तीसगढ़ में 2021-22 के बजट के लिए गोबर का ब्रीफकेस रायपुर के गोकुल नगर गौठान में बना था. एक पहल महिला स्व-सहायता समूह की नोमिन पाल ने समूह की महिलाओं के साथ इसे तैयार किया था. छत्तीसगढ़ के बजट के लिए गोबर का ब्रीफकेस बनाने समूह की महिलाओं को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सम्मानित भी किया है. उन्होंने महिलाओं को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि आपके द्वारा बनाए गए ब्रीफकेस की चर्चा पूरे देश भर में हो रही है.