(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Chhattisgarh: एबीपी लाइव की खबर का असर, आर्थिक तंगी से जूझ रहे युवा को मिली कंप्यूटर टीचर की नौकरी
Bastar: नक्सलगढ़ के युवा जुगल किशोर कोर्राम को कलेक्टर ने उसकी आर्थिक स्थिति और बीमारी को देखते हुए कोलेंग के बालक आश्रम शाला में कम्प्यूटर शिक्षक की नौकरी दी है.
Bastar News: छत्तीसगढ़ के बस्तर में एबीपी लाइव के खबर का असर हुआ है. नक्सलगढ़ के युवा जुगल किशोर कोर्राम को कलेक्टर ने उसकी आर्थिक स्थिति और बीमारी को देखते हुए कोलेंग के बालक आश्रम शाला में कम्प्यूटर शिक्षक की नौकरी दी है. दरअसल, नक्सल प्रभावित चांदामेटा गांव का रहने वाला युवा जुगल किशोर कोलेंग में प्रारंभिक शिक्षा लेने के बाद राजधानी रायपुर से बीटेक कर रायपुर में ही एक आईटी कंपनी में नौकरी कर रहा था, लेकिन अजीब बीमारी से पीड़ित होने की वजह से जुगल की तबीयत बिगड़ने लगी और ऐसे में नौकरी भी छूट गई.
अपनी बीमारी के ईलाज के लिए सारी जमा पूंजी खर्च हो गयी, पैसे के अभाव में जुगल का परिवार आर्थिक तंगी से गुजर रहा है और इलाज के लिए अपना घर और खेत बेचने की नौबत आ गई, जिसके चलते एबीपी लाइव ने खबर के माध्यम से जुगल ने बस्तर कलेक्टर से मदद की गुहार लगाई थी. जुगल की स्थिति को लेकर एबीपी लाइव ने प्रमुखता से खबर चलाई जिसके बाद कलेक्टर ने इस मामले को संज्ञान में लेते हुए न सिर्फ जुगल को कोलेंग आश्रम शाला में कम्प्यूटर शिक्षक की नौकरी दी, बल्कि ईलाज की व्यवस्था भी करने की बात कही है.
गांव में ही कंप्यूटर शिक्षक की मिली नौकरी
बस्तर कलेक्टर विजय दयाराम ने बताया कि जुगल किशोर कोर्राम नक्सल प्रभावित इलाके का ही नहीं बल्कि पूरे जिले का रोल मॉडल है. जुगल ने नक्सल प्रभावित क्षेत्र से प्रारंभिक स्कूली शिक्षा लेकर रायपुर में उच्च शिक्षा ग्रहण की और राजधानी रायपुर से बीटेक कर आईटी कंपनी में जॉब कर अपने परिवार के साथ ही चांदामेटा गांव का नाम भी रोशन किया, लेकिन कुछ साल पहले पता चला कि जुगल डीएसीएम (डाइलेटेड कार्डियोमायोपैथी) बीमारी से पीड़ित है. धीरे-धीरे जुगल की धड़कन धीमी हो रही है और वह कमजोर होने लगा. जिसके बाद जुगल की नौकरी भी छूट गयी और जमापूंजी ईलाज में लग गया. जुगल की आर्थिक स्थिति दयनीय हो गई और वह वापस गांव लौट गया. गांव में भी कोई काम नहीं मिलने के चलते और इलाज के लिए पैसे नहीं होने के चलते जुगल की तबीयत और बिगड़ने लगी. ऐसे में उसके इलाज के लिए खेत और अपने घर को बेचने की नौबत तक आ गई.
नौकरी मिलने के बाद जाहिर की खुशी
जुगल ने बताया कि उसके परिवार में माता-पिता एक भाई और बहन है माता-पिता खेती किसानी का काम करते हैं और भाई-बहन अभी स्कूल की पढ़ाई कर रहे हैं. जुगल ने बताया कि कुछ महीने पहले चांदामेटा गांव के दौरे पर बस्तर कलेक्टर विजय दयाराम पहुँचे हुए थे, जुगल ने कलेक्टर को आवेदन देकर अपनी स्थिति बताई और कलेक्टर ने आवेदन पर आवश्यक कार्यवाही का आश्वसन दिया. इसके बाद एबीपी लाइव ने जुगल किशोर के स्थिति पर और प्रशासन से लगा रहे मदद की गुहार पर प्रमुखता से खबर चलाई. इसके बाद कलेक्टर ने जुगल किशोर से मिलकर उन्हें कोलेंग के बालक आश्रम में कंप्यूटर शिक्षक के रूप में नियुक्त किया और ट्राइबल विभाग के सहायक आयुक्त ने जुगल किशोर को नियुक्ति पत्र दिया. साथ ही कलेक्टर ने जुगल किशोर को इलाज के लिए हर संभव मदद करने का आश्वासन दिया. इधर जुगल ने कम्प्यूटर शिक्षक की नौकरी मिलने के बाद खुशी जाहिर की है और बस्तर कलेक्टर के साथ ही एबीपी लाइव का धन्यवाद किया है.
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