Chhattisgarh News: प्रदेश के आदिवासी बाहुल्य सरगुजा (Surguja) संभाग की सीतापुर (Sitapur) विधानसभा का राजनैतिक इतिहास बदल गया है. 72 साल पहले अस्तित्व में आई इस सीट पर पहली बार बीजेपी (BJP) ने अपना परचम लहराया है. और सेना की नौकरी से त्याग पत्र देकर आए पूर्व सैनिक ने चार बार के विधायक और एक बार मंत्री रहे अमरजीत भगत को करारी शिकस्त दी है. बीजेपी ने रामकुमार टोप्पो की बदौलत सीतापुर के अभेद क़िले में सेंध लगाने में सफलता पाई है. बीजेपी प्रत्याशी रामकुमार टोप्पो ने सीतापुर विधानसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी अमरजीत भगत को 17 हज़ार 1 सौ 60 वोट के बड़े अंतर से हराया है.
उत्तरी छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के लिए सबसे सुरक्षित सीतापुर विधानसभा मे 2023 विधानसभा चुनाव में नया अध्याय लिख दिया है. इस सीट पर हुए मौजूदा चुनाव में वैसे तो 17 प्रत्याशी चुनाव मैदान में थे. लेकिन हमेशा की तरह इस सीट पर सीधा मुक़ाबला कांग्रेस के चार बार के विधायक अमरजीत भगत और बीजेपी के पूर्व सैनिक राम कुमार टोप्पो के बीच था. इस चुनाव के परिणाम आने के बाद बीजेपी के राम कुमार टोप्पो ने 50.36 % वोट शेयर के साथ कुल 83 हज़ार 88 मत प्राप्त किए तो वहीं कांग्रेस प्रत्याशी अमरजीत भगत को 39.96 % वोट शेयर के साथ 65 हज़ार 9 सौ 28 मिले.
सिर्फ़ पहले राउंड में मंत्री को बढ़त
सीतापुर विधानसभा के 245 मतदान केन्द्र में हुए मतदान के लिए 3 दिसंबर को 18 राउंड में काउंटिंग हुई. इसमें पहले राउंड में की काउंटिंग में कांग्रेस प्रत्याशी अमरजीत भगत ने 361 वोट से बढ़त बनाई. उसके बाद दूसरे राउंड मे वो 118 वोट से पिछड़ गए और तीसरे राउंड में बीजेपी प्रत्याशी के बढ़त का आंकड़ा 1440 तक पहुंच गया. बढ़त मतगणना में पूरे 18 राउंड तक बरकरार रही और अंत में जीत हार का ये अंतर 17 हज़ार 1 सौ 60 के बड़े आंकड़े तक पहुंच गया.
सीतापुर विधानसभा सीट का इतिहास
छत्तीसगढ़ के सरगुजा ज़िले की सीतापुर विधानसभा सीट आज़ादी के बाद 1951 में अस्तित्व में आई लेकिन तब से लेकर आज तक देश भर के कई राज्यों में अपनी सरकार चलाने वाली बीजेपी यहां से चुनाव नहीं जीत पाई है. इस सीट पर जीत का सपना देखने वाली बीजेपी को हर बार कांग्रेस से करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा है. सरगुजा संभाग में कांग्रेस के लिए सबसे सुरक्षित सीट माने जाने वाली सीतापुर विधानसभा में एक दर्जन बार कांग्रेस ने जीत का झंडा गाड़ा है, तो वहीं तीन बार निर्दलीय प्रत्याशी यहां से जीतकर विधानसभा तक पहुंचे हैं. इस सीट के कई रिकॉर्ड और राजनीतिक समीकरण हैं. जो कांग्रेस के सफलता के राज रहे हैं.