Chhattistgarh Bastar News: अपनी 2 सूत्रीय मांग को लेकर पिछले 7 दिनों से बस्तर (Bastar) संभाग भर के मनरेगा अधिकारी और कर्मचारी हड़ताल पर बैठे हुए हैं. इधर मनरेगा के अधिकारी कर्मचारी और रोजगार सहायकों के भी हड़ताल (Strike) पर चले जाने से ग्रामीण अंचलों में मनरेगा के तहत होने वाले सभी कामकाज भी बंद हो गए हैं. वहीं, ग्रामीणों को इस योजना के तहत काम भी नहीं मिल पा रहा है. आंदोलन के तहत कर्मचारियों ने सरकार का ध्यान आकर्षित करने के लिए बस्तर में अनोखा प्रदर्शन किया. मनरेगा कर्मचारियों ने कुंड के पानी को व्यर्थ बहने से बचाने के लिए सैकड़ों बोरी में मिट्टी भरकर स्टॉप डैम बनाया, ताकि कुंड में ग्रामीणों और मवेशियों के लिए हमेशा पानी भरा रह सके.
प्लास्टिक की बोरी से बनाया स्टॉप डैम
दरअसल, अनिश्चितकालीन हड़ताल के दौरान सैकड़ों मनरेगा कर्मचारियों ने शहर से लगे उलनार गांव में श्रमदान किया. कर्मचारियों ने अनोखा प्रदर्शन करते हुए जल कुंड के पानी को व्यर्थ बहने से बचाने का काम किया. कुंड का पानी बहकर नदी में चला जाता था. लेकिन, अब स्टॉप डैम बनने के बाद गर्मी भर किसानों और पशुओं को पर्याप्त पानी उपलब्ध हो सकेगा. सैकड़ों की संख्या में मनरेगा स्टाफ जिसमें परियोजना अधिकारी, इंजीनियर, ऑपरेटर और रोजगार सहायकों ने श्रमदान करते हुए स्टॉप डैम बनाने का काम किया.
ग्रामीणों का कहना है कि ग्राम पंचायत उलनार के तारागुड़ा में जलकुंड का पानी रिसाव होने से सूख जाता है. ये पानी बहते हुए इंद्रावती नदी में जाकर गिरता था. गर्मी के दिनों में नाला सूख जाता था, जिसे रोकने के लिए मनरेगा स्टाफ ने श्रमदान किया. मनरेगा कर्मचारियों ने फावड़ा लेकर मिट्टी की खुदाई की और प्लास्टिक की बोरियों में भरकर कुंड से बह रहे पानी को रोकने बोरी बंधन से स्टॉप डैम बनाया. इससे पानी का रिसाव होना पूरी तरह से रुक गया है और जलभराव होने लगा है. इस पानी का इस्तेमाल अब आसपास के किसान फसल के लिए कर सकेंगे, साथ ही जीव-जंतुओं को भी भीषण गर्मी में पानी उपलब्ध हो सकेगा.
ये है 2 सूत्रीय मांग
मनरेगा के सहायक जिला परियोजना अधिकारी पवन कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि पूरे संभाग के सैकड़ों कर्मचारी बीते 4 अप्रैल से अपनी 2 सूत्रीय मांग को लेकर बैठे हुए हैं जिसमें सभी संविदा कर्मचारियों को नियमिकरण करने की मांग शामिल है. इसके अलावा ये मांग भी है कि, नियमितीकरण होने तक ग्राम रोजगार सहायकों का वेतनमान निर्धारण कर समस्त मनरेगा कर्मियों पर सिविल सेवा नियम 1966 के साथ पंचायतकर्मी नियमावली लागू किया जाए.
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