Bhanupratappur By-Election 2022: देश के कई राज्यों में होने वाले विधानसभा उपचुनाव की तारीखों की घोषणा भारत निर्वाचन आयोग (Election Commission of India) ने कर दिया है. छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के भानुप्रतापपुर विधानसभा सीट (Bhanupratappur Assembly Seat) के लिए भी होने वाले उपचुनाव के लिए 5 दिसंबर को वोट डाले जाएंगे. वहीं 8 दिसंबर को मतगणना होगी. चुनाव आयोग ने अधिसूचना जारी कर दी है. दरअसल पिछले महीने ही भानुप्रतापपुर विधानसभा से विधायक रहे मनोज सिंह मंडावी (Manoj Singh Mandavi) की हार्ट अटैक से मौत हो गई थी. उनके निधन के बाद यह सीट खाली हो गया था.

 

ऐसे में 5 दिसंबर को अब भानुप्रतापपुर विधानसभा सीट के लिए वोट डाले जाएंगे. छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले में स्थित भानुप्रतापपुर विधानसभा सीट आदिवासी बाहुल्य इलाका है. यहां पर पिछले 2018 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने जीत हासिल की थी. इससे पहले हुई तीन विधानसभा चुनाव का इतिहास देखें तो यहां पर दो बार भारतीय जनता पार्टी और एक बार कांग्रेस ने बाजी मारी है. 2003 और 2008 के विधानसभा चुनाव में इस सीट से बीजेपी के प्रत्याशी विजयी रहे, लेकिन 2013 में हैट्रिक बनाने से भाजपा चूक गई थी. 2018 में फिर कांग्रेस ने बाजी मारी.

 


 

संभावित प्रत्याशियों में सावित्री मंडावी का नाम चर्चा में

वैसे तो भानुप्रतापपुर विधानसभा सीट को कांग्रेस का परम्परागत सीट माना जाता रहा है, लेकिन छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद पार्टी को दो बार हार का सामना करना पड़ा. पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी के खिलाफ बगावत के कारण ही दोनों बार हार मिली थी. वहीं उपचुनाव के लिए संभावित प्रत्याशियों में कांग्रेस से स्व. मनोज मंडावी की पत्नी सावित्री मंडावी का नाम चर्चा में है. इसके अलावा कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष बीरेश ठाकुर का नाम भी चर्चे में है. वहीं ललित नरेटी भी कांग्रेस से प्रबल दावेदार हैं. इधर बीजेपी से कई दावेदारों के नामों की भी चर्चा हो रही है. जिन नामों पर सबसे ज्यादा चर्चा है, उनमें वरिष्ठ नेता देवलाल दुग्गा सबसे आगे हैं.

 

भानूप्रतापपुर में पड़े थे कुल 49 प्रतिशत वोट

दुग्गा एक बार मनोज मंडावी को पराजित कर चुके हैं, जबकि दो बार उनको हार का सामना करना पड़ा. इसके अलावा बीजेपी के पूर्व विधायक ब्रम्हानंद नेताम भी प्रबल दावेदार हैं. 2018 में भानूप्रतापपुर में कुल 49 प्रतिशत वोट पड़े थे. 2018 में कांग्रेस से मनोज सिंह मांडवी ने भारतीय जनता पार्टी के देवलाल दुग्गा को 27 वोटों के मार्जिन से हराया था. हालांकि, मनोज मंडावी इस विधानसभा चुनाव के कार्यकाल को लेकर काफी चर्चित रहे और यही वजह है कि उनके अंतिम संस्कार में हजारों की संख्या में भीड़ उमड़ पड़ी थी. फिलहाल 5 दिसंबर को होने वाले इस उपचुनाव में बीजेपी और कांग्रेस से किस प्रत्याशी को टिकट मिलता है और किसकी जीत होती है, यह तो आने वाला वक्त बताएगा.