बस्तर: छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल की सरकार ने चिटफंड कंपनियों के मालिकों से लोगों की डूबी हुई रकम वापस दिलाने की घोषणा की है. सरकार की इस घोषणा के बाद बस्तर के लोगों में काफी खुशी देखी जा रही है. दरसअल संभाग में सैकड़ों लोगों ने अलग-अलग चिटफंड कंपनियों में अपनी मेहनत की कमाई निवेश की हुई है. वो लोग कई साल से रकम वापस मिलने की उम्मीद लगाए बैठे हैं. 


सबसे अधिक आवेदन किस जिले से आए?


बस्तर संभाग में अलग-अलग थानों में चिटफंड कंपनियों के खिलाफ 15 से अधिक मामले दर्ज हैं. सबसे अधिक 6 मामले बस्तर जिले में दर्ज हैं. संभाग के 6 जिलों से 75 हजार आवेदन पुलिस और जिला प्रशासन को प्राप्त हुए हैं. पुलिस और जिला प्रशासन को मिले हुए इन आवेदनों के आंकलन के मुताबिक बस्तर वासियों ने करोड़ों रुपये इन चिटफंड कंपनियों में इन्वेस्ट किए हैं. सबसे ज्यादा आवेदन कोंडागांव जिले से मिले हैं.


बस्तर के आईजी सुंदरराज पी ने बताया कि बस्तर पुलिस को प्राप्त आवेदनों के आधार पर लगातार इसकी जांच की जा रही है. उन्होंने बताया कि संबंधित चिटफंड कंपनियों के मालिकों को भी पुलिस ने समन भेजा है. पुलिस बस्तर में इन सभी चिटफंड कंपनियों के ब्रांच में रखे सामान की कुर्की कर रही है. न्यायालय से भी कंपनियों की संपत्ति कुर्की का आदेश मिलने के बाद पुलिस और जिला प्रशासन संयुक्त रूप से कार्रवाई करेगी. उन्होंने बताया कि राज्य शासन से मिले आदेश के अनुसार फर्जी चिटफंड कंपनियों में निवेश करने वाले लोगों को उनकी रकम वापस दिलाने की कार्रवाई की जाएगी. 


पुलिस विभाग से मिले आंकड़ों के मुताबिक बस्तर संभाग के जिलों में इतने आवेदन मिले हैं.



  1. बस्तर में 3000

  2. बीजापुर में 18334

  3. नारायणपुर में 6452

  4. दंतेवाड़ा में 2100

  5. कोण्डागांव में 31279

  6. सुकमा में 4454


आईजी ने बताया कि पूरे बस्तर संभाग में विभिन्न चिटफंड कंपनियों के खिलाफ 15 से अधिक मामले दर्ज हैं. वही बस्तर पुलिस के पास संभाग के 6 जिलों से 75 हजार से अधिक आवेदन मिले हैं और लगातार पीड़ित लोग आवेदन कर रहे हैं. 


बस्तर के कलेक्टर रजत बंसल ने बताया कि अकेले बस्तर जिले में ही सैकड़ों लोगों ने करोड़ों रुपये इन विभिन्न चिटफंड कंपनियों में इन्वेस्ट किया है. जिले में 10 हजार से अधिक आवेदन प्राप्त हुए हैं. सभी आवेदनों की जांच जिला प्रशासन जांच कर रहा है. कलेक्टर ने कहा कि चिटफंड कंपनियों की संपत्ति को कुर्क करने की कार्यवाही जिला प्रशासन ने पहले से ही शुरू कर दी है. इसके साथ ही संपत्ति कुर्की करने के बाद लोगों के पैसे वापस दिलाने की कार्यवाही जिला प्रशासन करेगा.


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