Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ में क्या पीडीएस योजना के जरिए लोगों को प्लास्टिक मिले चावल का वितरण किया जा रहा है? ये चर्चा राज्य के लाखों परिवार में हो रही है जो पीडीएस योजना से मिल रहे चावल को खा रहे हैं. चावल में प्लास्टिक होने का दावा अब राज्य में 15 साल तक मुख्यमंत्री रहे डॉ. रमन सिंह भी कर रहे हैं. उन्होंने तो बकायदा एक वीडियो अपने ट्विटर हैंडल पर शेयर किया है. इसके बाद ये वीडियो जमकर वायरल हो रहा है.


'पीडीएस के तहत दिया जा रहा प्लास्टिक मिल चावल'
दरअसल शनिवार को पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन ने अपने ट्विटर अकाउंट से एक वीडियो शेयर किया है. इस वीडियो में कुछ लोग दावा कर रहे हैं कि पीडीएस योजना के तहत मिल रहे चावल में प्लास्टिक मिला हुआ है. वहीं इस वीडियो को रमन सिंह ने कांग्रेस सरकार पर आरोप लगाते हुए शेयर किया है कि शराब सिंडिकेट के संरक्षक दाऊ भूपेश बघेल ने राशन घोटाला करके ग़रीबों की थाली से करोड़ों का भ्रष्टाचार किया. अब ऐसी खबरें देखकर प्रदेशवासियों को बड़ी चिंता होती है कि उन्हें चावल के नाम पर प्लास्टिक जैसी वस्तु आवंटित की जा रही है, क्या इसी दिन के लिए कांग्रेस सत्ता में आई थी?


'पीएम मोदी से बड़े हो गए हैं रमन सिंह'
वहीं रमन सिंह के दावे को कांग्रेस ने झूठा बताया है. कांग्रेस ने कहा है कि रमन सिंह अपनी राजनीति चमकाने के लिए झूठे पोस्ट डाल रहे हैं. वहीं शनिवार शाम को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रायपुर एयरपोर्ट पर मीडिया से बातचीत करते हुए रमन सिंह पर पलटवार किया. सीएम बघेल ने रमन सिंह पर तंज कसते हुए कहा कि अरे भैया हम ये केंद्र सरकार के आदेश पर कर रहे हैं, हम लोग फोर्टिफाइड चावल बांट रहे हैं. पहले 16 जिलों में किए, अब सभी जिलों में कर रहे हैं. रमन सिंह सपना देखते हैं और कभी-कभी मोदी जी से बड़े हो जाते हैं. ये योजना केंद्र सरकार की योजना है कि लोगों को फोर्टिफाइड चावल मिलना चाहिए.


फोर्टिफाइड चावल कैसे बनाया जाता है?
रमन सिंह के दावों पर कांग्रेस के प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने बताया कि फोर्टिफाइड चावल को तैयार करने के लिए कोटिंग, डस्टिंग और एक्सट्रूजन जैसी तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है. चावल पर पोषक तत्वों की एक पर्त चढ़ाई जा सकती है. इसके अलावा इसे पीसकर इनमें सूक्ष्म तत्वों को मिलाया जाता है फिर इसे मशीन की मदद से चावल का आकार देकर सुखाया जाता है. इसे फोर्टिफाइड राइस कर्नेल (FRK) कहते हैं. इसे तैयार करने के बाद आम चावलों में मिला दिया जाता है.


ये चावल पानी में तैरता भी है
FSSAI के मुताबिक, 1 किलो चावल में 10 ग्राम फोर्टिफाइड चावल मिलाया जाता है. यह चावल देखने में भले ही आम चावल की तरह ही दिखते हों लेकिन इनमें कई ऐसे पोषक तत्व होते हैं जो इंसान की सेहत के लिए जरूरी माने जाते हैं. दूसरे आम चावल की तुलना में इसमें आयरन, विटामिन बी-12, फोलिक एसिड ज्यादा होता है. इसके अलावा इनमें विटामिन-ए, बी और जिंक भी पाया जाता है. इसके जरिए शरीर से पोषक तत्वों की कमी दूर होती है. फोर्टिफाइड चावल को पीस कर फिर से गूंथ कर बनाया जाता है इस कारण इसके आकार और घनत्व में भी परिवर्तन हो जाता है. यह पानी में तैरता भी है लेकिन यह स्वादिष्ट और पोषक तत्वों से भरपूर रहता है.


कुपोषण दूर करने के लिए देशभर में फोर्टिफाइड राइस का वितरण 
गौरतलब है कि कुपोषण दूर करने के लिए भारत सरकार ने ज्यादा पोषक तत्वों वाले चावल का वितरण का निर्णय लिया है. इसके लिए केंद्रीय कैबिनेट ने अप्रैल 2022 में निर्णय लिया था कि कुपोषण और एनीमिया को खत्म करने के लिये राशन दुकानों और अन्य शासकीय योजनाओं में 100 फीसदी फोर्टिफाइड राइस बांटा जायेगा. यह चावल महिलाओं में खून की कमी को दूर करने में सहायक है और देशभर में यह चावल बांटा जा रहा है.


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