Raipur News: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में नियमितीकरण को लेकर पेंच फंस गया है. एक तरफ छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) ने राज्य के लाखों अनियमित कर्मचारियों के नियमितीकरण पर जानकारी का अभाव बता रहे है, तो उधर, दूसरी तरफ लाखों अनियमित कर्मचारी (Irregular Employees) सरकार के खिलाफ बड़े आंदोलन की तैयारी में हैं. गुरुवार को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि अबतक सभी विभागों से जानकारी नहीं आई है. इसलिए इसपर निर्णय नहीं लिया गया है. सभी विभागों को जानकारी भेजने के लिए पांच प्रश्न भेजे गए हैं. इनके आधार पर ही निर्णय लिया जाएगा.


जानकारी आने पर होगा विचार- सीएम
रायपुर हेलीपेड पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पत्रकारों से बातचीत में बताया कि कर्मचारियों के आंदोलन को आंदोलन करने के लिए हम कभी मना नहीं करते हैं. विभिन्न विभागों से संविदाकर्मी, दैनिक वेतन भोगी, तमाम प्रकार के 4-5 कैटेगरी हैं. उनके बारे में जानकारी मंगाई है. इसके लिए समिति बनी है, उसकी दो बैठके हो चुकी हैं. पांच प्रश्न सभी विभागों को दिए गए हैं. अब तक आधे विभाग से जानकारी आई है. जब जानकारी आई ही नहीं है तो निर्णय किस हिसाब से लेंगे. बिना जानकारी के उस पर विचार कैसे किया जाएगा. जब जानकारी आएगी तो उसपर विचार करेंगे.


12 मार्च को अनियमित कर्मचारियों की सभा
इधर, अनियमित कर्मचारी मोर्चा ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने के लिए 12 मार्च को रणनीति बनाने के लिए अनियमित सभा बुलाई है. मोर्चा के प्रदेश संयोजक गोपाल साहू ने कहा कि कांग्रेस सरकार का अंतिम बजट अनियमित कर्मचारियों के लिए निराशाजनक है. सरकार ने इसमें अनियमित कर्मचारियों के लिए किसी प्रकार का प्रावधान न कर इनके अधिकारों और सपनों को कुचले का काम किया है. इसलिए हमारा सरकार के खिलाफ संघर्ष जारी रहेगा. इसके लिए 12 मार्च को नया रायपुर के धरना स्थल तुता में अनियमित सभा का आयोजन किया जाएगा. इसमें आगामी रणनीति पर चर्चा की जाएगी. इसमें प्रदेशभर से हजारों कर्मचारी शामिल होंगे.


विधानसभा में भी उठा सवाल
आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र के दूसरे दिन भी अनियमित कर्मचारियों का मुद्दा उठा था. तब भी सरकार की तरफ से इस मामले पहली बार जानकारी दी गई. नियमितीकरण के लिए सरकार ने समिति का गठन किया है. इसके लिए सरकार विभागों से जानकारी जुटा रही है. हाईकोर्ट के महाधिवक्ता से अभिमत मांगा गया है. इसके बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी. कांग्रेस के विधायक डॉ प्रीतम राम ने सदन में सवाल उठाया था. इस पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने लिखित जवाब दिया है. इसमें नियमितीकरण की प्रक्रिया कहां तक पहुंची है, इसकी जानकारी दी गई है.


नियमितीकरण पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का जवाब
नियमितीकरण की प्रक्रिया को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने लिखित जवाब दिया है. उन्होंने बताया है कि सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश 2019 में ही प्रमुख सचिव, वाणिज्य और उद्योग और सार्वजनिक उपक्रम विभाग की अध्यक्षता में समिति गठित की गई है. इस समिति की पहली बैठक 2020 में हुई थी. इसमें निर्णय लिया गया था कि शासन के सभी विभाग से अनियमित, दैनिक वेतनभोगी और संविदा पर काम कर रहे कर्मचारियों की संख्या जानने के लिए सभी 44 विभागों से जानकारी मांगी गई थी. लेकिन, अबतक 38 विभाग से ही जानकारी मिली है और 8 विभागों से जानकारी आनी बाकी है.


हाईकोर्ट के महाधिवक्ता से भी मांगा गया अभिमत
इसके अलावा समिति की अनुशंसा पर सामान्य प्रशासन विभाग ने विधि और विधायी कार्य विभाग से अभिमत मांगा है. वहीं विधि विभाग ने इस मामले के संबंध में महाधिवक्ता का अभिमत मांगा है. फिलहाल ये अभिमत अबतक नहीं मिला है. इसके बाद समिति की दूसरी बैठक 2022 में हुए है. इस बैठक में सभी विभागों से 5 बिंदुओं में जानकारी के लिए पत्र लिखा गया है.


पांच बिंदुओं पर मांगी गई है राय 
इसके अनुसार विभागों में पदस्थ अनियमित, दैनिक वेतनभोगी और संविदा पर कार्यरत कर्मचारी क्या खुले विज्ञापन /भर्ती प्रक्रिया के माध्यम से नियुक्त हुए हैं? क्या कार्यरत कर्मचारी उस पद की निर्धारित शैक्षणिक/तकनीकी योग्यता रखते हैं?कार्यरत कर्मचारी जिस पद पर कार्य कर रहा है क्या वह पद संबंधित विभाग के पद संरचना भर्ती नियम में स्वीकृत है? क्या उस नियुक्ति में शासन द्वारा जारी आरक्षण नियमों का पालन किया गया है?


पांच लाख से अधिक अनियमित कर्मचारी होने का दावा
गौरतलब है कि सत्ता में आने से पहले कांग्रेस पार्टी ने राज्य के अनियमित कर्मचारियों को नियमित करने का घोषणा पत्र में वादा किया था. चार साल बीत जाने के बाद भी नियमितीकरण नहीं हुआ है. इसलिए राज्य के लाखों कर्मचारी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. छत्तीसगढ़ अनियमित कर्मचारी मोर्चा के प्रदेश प्रमुख गोपाल प्रसाद साहू ने राज्य में 5 लाख से अधिक अनियमित कर्मचारी होने का दावा किया है. उन्होंने सरकार के चेतावनी देते हुए ये भी कहा है कि 12 मार्च को बड़ी रैली निकाली जाएगी.


यह भी पढ़ें : Chhattisgarh Budget: बजट में सीएम बघेल ने अनियमित कर्मचारियों दिया झटका! 12 मार्च को सभा करेंगे अनियमित कर्मचारी