Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ की ऊर्जाधानी के नाम से प्रसिद्ध कोरबा (Korba) जिले में राज्य के सबसे बड़े सुपर क्रिटिकल थर्मल पॉवर स्टेशन और आधुनिक संयंत्र की स्थापना की जाएगी. 29 जूलाई को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) ने 1320 मेगावाट के सुपर क्रिटिकल थर्मल पॉवर प्लांट स्टेशन का शिलान्यास किया है. इस प्लांट में 660-660 मेगावाट की दो नई इकाइयों की स्थापना की जाएगी. सरकार का दावा है कि इससे प्रदेश बिजली उत्पादन के मामले में आत्मनिर्भर हो सकता है.


दरअसल, राज्य स्थापना (सन 2000) के समय यहां बिजली उत्पादन क्षमता 1360 मेगावाट थी, लेकिन वर्तमान में छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत उत्पादन कंपनी की कुल उत्पादन क्षमता 2978.7 मेगावाट है. इसके साथ ही वर्तमान में राज्य जीरो पॉवर कट स्टेट बना हुआ है, लेकिन जनसंख्या बढ़ने के साथ ही राज्य में बिजली की डिमांड बढ़ती जा रही है. इसलिए राज्य सरकार कोरबा में 660-660 मेगावाट की दो नई इकाइयों की स्थापना करने जाएगी. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 25 अगस्त 2022 को इस संयंत्र की स्थापना का निर्णय लिया था. 


12 हजार 915 करोड़ रूपये है लागत
अब सरकार का दावा है कि संयंत्र में 660 मेगावाट की एक इकाई से साल 2029 और दूसरी इकाई से साल 2030 तक बिजली उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है. बता दें कि नए संयंत्र की स्थापना पुराने एचटीपीएस परिसर की 71 हेक्टेयर खाली जमीन पर  होगी. इस प्रस्तावित नई परियोजना के लिए 28 एमसीएम पानी की आवश्यकता और 6.5 एमटीपीए कोयले की आवश्यकता होगी. वहीं इस पॉवर प्लांट प्रोजेक्ट की अनुमानित लागत 12 हजार 915 करोड़ रूपये है.


पूर्व पीएम के नाम होगा पावर प्लांट का नाम
इसके अलावा शिलान्यास के दिन ही मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस प्लांट का नामकरण कर दिया है. उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के नाम पर इस प्लांट को रखने की घोषणा कर दी है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पॉवर प्लांट को लेकर कहा कि कोरबा ऊर्जा की राजधानी है. देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने 1957 में छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में पहले बिजली प्लांट की शुरूआत की थी. मुझे इस बात की बहुत खुशी है कि हम यहां अब तक के सबसे बड़े 1320 मेगावाट के पॉवर प्लांट की आधारशिला रख रहे हैं.


सीएम ने कहा कि छत्तीसगढ़ में प्रति व्यक्ति बिजली की खपत देश में सबसे ऊपर है. कोरबा ऊर्जा की राजधानी रही है. प्रदेश के सबसे बड़े सुपर क्रिटिकल थर्मल पॉवर प्लांट का नाम पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के नाम पर होगा. पर्यावरण और कोयला की अनुमति मिल चुकी है. सारी प्रक्रियाएं बहुत तेज हो चुकी हैं, मेरा विश्वास है कि 2028 तक इसे शुरू कर लेंगे. 


Chhattisgarh: सूरजपुर में ग्रामीणों ने कराई मेंढक और मेंढकी की शादी, बार‍िश से जुड़ी है अनोखी मान्यता