Rajiv Gandhi Kisan Nyay Yojana: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी (Rajiv Gandhi) की पुण्यतिथि पर 21 मई को राज्य के किसानों के बैंक खातों में राजीव गांधी किसान न्याय (Rajiv Gandhi Kisan Nyay Yojana) योजना के तहत 1894 करोड़ 93 लाख रुपये ऑनलाइन ट्रांसफर किए जाएंगे. यह आयोजन छत्तीसगढ़ के दुर्ग (Durg) जिले में होगा. 


दुर्ग जिले के सांकरा पाटन में 21 मई को भरोसे का सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा. इस आयोजन में कंग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे (Mallikarjun Kharge) भी शामिल हो सकते हैं. इस आयोजन में सीएम भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) राज्य के 24 लाख 52 हजार 592 किसानों को राजीव गांधी न्याय योजना की पहली किश्त के रूप में 1894 करोड़ 93 लाख रुपये की राशि ऑनलाइन उनके बैंक खातों में  ट्रांसफर  करेंगे. इसके बाद किसानों को अगस्त, अक्टूबर और मार्च महीने में लगातार तीन और किश्तों में राशि दी जाएगी जो लगभग 6000 करोड़ रुपये की होगी. 


छत्तीसगढ़ सरकार किसानों को दे रही सब्सिडी
छत्तीसगढ़ सरकार ने चालू वित्तीय वर्ष में इस योजना के तहत 6800 करोड़ रुपये का प्रावधान रखा है, लेकिन बीते खरीफ सीजन में पंजीकृत किसानों की संख्या रकबा और धान की रिकार्ड खरीदी को देखते हुए इस योजना के तहत किसानों को दी जाने वाली इनपुट सब्सिडी की यह राशि लगभग 8000 करोड़ होने का अनुमान है. राजीव गांधी किसान न्याय योजना के अंतर्गत कृषि लागत में कमी लाने और फसल विविधिकरण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से  छत्तीसगढ़ सरकार खरीफ फसलों के उत्पादक कृषकों को प्रति एकड़ के मान से 9 हजार रुपये की इनपुट सब्सिडी दे रही है. 


 दी जा चुकी है 8208 करोड़ रुपये की इनपुट सब्सिडी
खरीफ वर्ष 2019 से लागू इस योजना के तहत राज्य के किसानों को अब तक 18208 करोड़ रुपये की इनपुट सब्सिडी दी जा चुकी है. चालू वित्तीय वर्ष में इस योजना के तहत चार किश्तों में किसानों को लगभग 8000 करोड़ रुपये इनपुट सब्सिडी के रूप में मिलेंगे. राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत खरीफ वर्ष 2019 के धान उत्पादक 18.43 लाख किसानों को 10 हजार रुपये प्रति एकड़ की दर से 5627 करोड़ 2 लाख रुपये इनपुट सब्सिडी के रूप में वितरित की गई थी. 


 वहीं खरीफ वर्ष 2020 के धान उत्पादक 20.59 लाख किसानों को 5553 करोड़ 8 लाख रुपये का भुगतान उनके बैंक खातों में किया गया. वर्ष 2021 से इस योजना में समस्त खरीफ फसलों औक उद्यानिकी फसलों को शामिल किया गया है. साथ ही उत्पादक कृषकों को हर साल प्रति एकड़ के मान से 9 हजार रुपये इनपुट सब्सिडी दिए जाने का प्रावधान किया गया.


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