छत्तीसगढ़ सरकार 1 दिसंबर से धान की खरीद शुरू करने जा रही है. धान की खरीदी के लिए सरकार तैयारी भी कर रही है. पड़ोसी राज्यों से लोग छत्तीसगढ़ में आकर धान ना बेच सके, इसके लिए भी पुख्ता इंतजाम किए जा रहे हैं. पड़ोसी राज्यों से धान की तस्करी को रोकने के लिए सीएम भूपेश बघेल ने अधिकारियों के निर्देश दिए हैं. सीएम बघेल ने मंगलवार को कहा कि हमारे अधिकारी सीमावर्ती जिला क्षेत्रों की निगरानी कर रहे हैं, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि अन्य राज्यों से धान छत्तीसगढ़ में न आए.


बता दें कि सीएम ने बारदानों कमी को लेकर आज पीएम नरेंद्र मोदी को चिट्ठी भी लिखी है. सीएम ने चिट्ठी के जरिए बारदानों की कमी को लेकर पीएम को अवगत कराया है.






बघेल की मोदी को चिट्ठी
सीएम ने अपनी चिट्ठी में लिखा है कि राज्य में इस वर्ष 105 लाख टन धान खरीदी का लक्ष्य रखा गया है. इसके लिए 5.25 लाख गठान बारदाने की आवश्यकता है. रोजाना 10 हजार जूट बारदाने की आवश्यकता होती है, लेकिन अब तक केवल 86 हजार 856 गठान नए जूट बारदाने प्राप्त हुए हैं. एसे में बारदाने की कमी हुई तो धान खरीदी प्रभावित हो सकती है.


सीएम भूपेश बघेल ने अपने पत्र में लिखा, "छत्तीसगढ़ में किसानों से धान खरीदी का कार्य 1 दिसंबर से शुरू होना संभावित है, जिसके लिए सभी आवश्यक तैयारियां की जा रही है. किसानों से 105 लाख टन धान उपार्जन होना अनुमानित है, जिसके लिए 5.25 लाख गठान बारदाने की आवश्यकता होगी." बघेल ने आगे लिखा कि छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी समिति विपणन संघ मुख्यालय नवा रायपुर द्वारा 2.14 लाख गठान जूट बारदाने खरीदने के लिये इंडेन्ट जारी किये गये हैं, जिसके खिलाफ राज्य को अभी तक मात्र 86,856 गठान नये जूट बारदाने प्राप्त हुए हैं.


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