Chhattisgarh One Time Settlement Scheme: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के व्यावसायिक वाहन (Commercial Vehicles) मालिकों के लिए एक बड़ी राहत भरी खबर है. जिन व्यावसायिक वाहन संचालकों ने परिवहन विभाग (Transport Department) में टैक्स जमा नहीं किया है, उनके लिए राज्य सरकार वन टाइम सेटलमेंट स्कीम (One Time Settlement Scheme) ला रही है. इससे अब मासिक और तिहामी टैक्स वाली गाड़ियों पर 01 अप्रैल 2013 से 31 दिसंबर 2018 तक लगाए जुर्माना राशि में छूट दी गई है. संचालकों को सिर्फ वाहन का टैक्स और ब्याज जमा करना होगा.

 

दरअसल राज्य सरकार ने पिछले कैबिनेट बैठक में इस फैसले को मंजूरी दी थी. इसके बाद परिवहन विभाग ने एक मुश्त निपटान की व्यवस्था के अंतर्गत छूट का प्रावधान किया है. इसका प्रावधान 2 अगस्त को छत्तीसगढ़ राजपत्र में जारी भी कर दिया गया है. इससे अब सभी वाहन संचालक टैक्स जमा करेंगे तो वन टाइम सेटलमेंट स्कीम से छत्तीसगढ़ सरकार को करीब 200 करोड़ रुपये का फायदा होगा.

 

प्रदेश में चल रहे हैं लगभग 50 लाख वाहन

 

इस मामले में परिवहन विभाग के आयुक्त दीपांशु काबरा ने बताया कि जारी अधिसूचना के अंतर्गत त्रैमासिक और मासिक टैक्स देय वाहनों में लंबित जुर्माना राशि में छूट केवल एकमुश्त निपटान योजना की अवधि 01 अप्रैल 2022 से 31 मार्च 2023 तक होगी. एकमुश्त निपटान योजना की अवधि समाप्त होने के बाद टैक्स, ब्याज और जुर्माना की राशी वसूली जाएगी. गौरतलब है कि प्रदेश में करीब 50 लाख वाहन चल रहे हैं.

 


 

40 हजार वाहनों के जमा नहीं हैं टैक्स

 

इस साल की ऑडिट रिपोर्ट के अनुसार करीब 40 हजार वाहन बगैर टैक्स जमा किए चल रहे हैं. इनमें से कुछ कंडम हो चुके हैं और खड़े हैं. इनसे टैक्स की वसूली नहीं हो पा रही है. लगातार बस संचालकों को नोटिस भेजा जा रहा है, लेकिन वे जवाब नहीं दे रहे हैं. ऐसे में टैक्स वसूली के लिए सरकार वन टाइम सेलटमेंट स्कीम लाई है. इसके तहत वाहन मालिकों को टैक्स में छूट दी जाएगी. एकमुश्त टैक्स लेकर मामले को खत्म कर दिया जाएगा. टैक्स जमा नहीं होने वाले वाहनों को परिवहन विभाग ने काली सूची में डाल दिया है.

 

ऑनलाइन टैक्स जमा कर सकते हैं वाहन मालिक

 

छत्तीसगढ़ में करीब 20 से 25 हजार वाहनों का कई सालों से फिटनेस टेस्ट नहीं हुआ है. परिवहन विभाग की वेबसाइट पर प्रदेश भर में चलने वाली गाड़ियों, उनके मालिकों के नाम और चालान की डिटेल्स दर्ज हैं. वाहन मालिक वेबसाइट पर ऑनलाइन टैक्स जमा कर सकते हैं. व्यावसायिक वाहन मालिकों पर लाखों रुपये फिटनेस टैक्स के रूप में बकाया है.