जगदलपुर नगर निगम में सत्ता परिवर्तन, कांग्रेसी पार्षद उदयनाथ जेम्स बने नेता प्रतिपक्ष
Chhattisgarh News: कांग्रेस मेयर सफीरा साहू ने अपने चार पार्षदों के साथ सीएम विष्णु देव साय की मौजूदगी में बीजेपी का दामन थाम लिया था. इसके बाद निगम में पूरे सियासी सम्मीकरण बदल गए.
Bastar News: छत्तीसगढ़ के जगदलपुर नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष कांग्रेस के पार्षद उदय नाथ जेम्स बनाए गए हैं. कांग्रेस नेताओं ने उन्हें नेता प्रतिपक्ष चुना है, जबकि राजेश राय को उप नेता प्रतिपक्ष चुना गया है. इन दोनों नेताओं का चुनाव भिलाई विधानसभा के विधायक और ऑब्जर्वर देवेंद्र यादव और कांग्रेस कमेटी के महामंत्री नरेश ठाकुर की मौजूदगी में हुआ.
दरअसल, कांग्रेस की महापौर और अन्य चार पार्षदों के भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने की वजह से जगदलपुर नगर निगम में भारतीय जनता पार्टी की सरकार ठीक चुनाव से पहले बन गई है. जिसके बाद एमआईसी के कांग्रेसी पार्षदों ने इस्तीफा दिया. इस्तीफे के बाद विपक्ष में आई कांग्रेस के सामने नेता प्रतिपक्ष चुना जाना था, इसके लिए विधायक देवेंद्र यादव कांग्रेस महामंत्री नरेश ठाकुर को जिम्मेदारी दी गई थी. दोनों ही वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में जगदलपुर नगर निगम के नेता प्रतिपक्ष और उपनेता प्रतिपक्ष का चयन किया गया.
सर्वसम्मति से चुने गये नेता प्रतिपक्ष
बता दें जगदलपुर नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष के चयन को लेकर कांग्रेस में सरगर्मी तेज हो गई थी. भिलाई के विधायक देवेंद्र यादव ने काफी देर तक जगदलपुर के राजीव भवन में कांग्रेस के पार्षदों से बंद कमरे में चर्चा की, जिसके बाद काफी देर चर्चा होने के बाद कांग्रेसी पार्षद और वरिष्ठ नेता उदयनाथ जेम्स को नेता प्रतिपक्ष बनाए जाने पर सभी ने अपनी सहमति दी.
उदयनाथ जेम्स नगर निगम में कांग्रेस की सरकार रहने के वक्त एमआईसी सदस्य रहे हैं और बिना विवाद के अपने कार्यकाल को निभाया है. इसी को ध्यान में रखते हुए सभी कांग्रेसी पार्षदो और कांग्रेस के संगठन के सभी नेताओं और ऑब्जर्वर की मंजूरी के बाद उदयनाथ जेम्स को नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेसी पार्षद राजेश राय को उपनेता प्रतिपक्ष बनाया गया है.
नगरीय निकाय चुनाव से पहले निगम को घेरने की तैयारी
गौरतलब है कि कांग्रेसी महापौर सफीरा साहू ने लोकसभा चुनाव के दौरान अपने चार पार्षदों के साथ मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की मौजूदगी में बीजेपी का दामन थाम लिया था. इसके बाद निगम में पूरे सियासी सम्मीकरण बदल गए. अब बीजेपी सत्ता पक्ष में है. वहीं निगम में कांग्रेस अब विपक्ष की भूमिका में आ गई है. सभी कांग्रेसी पार्षदों ने अपने नेता प्रतिपक्ष को भी चुन लिया है.
इधर नगरीय निकाय चुनाव के लिए कुछ ही महीने शेष रह गए हैं. ऐसे में कांग्रेसी पार्षद निगम में बीजेपी की सरकार बनने के बाद पुराने विकास कार्यो को रोकने को लेकर महापौर और बीजेपी के पार्षदों को घेरने की पूरी तैयारी कर रही है.
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