रायपुर: छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव के लिए एक साल का समय बचा है. इसे देखते हुए कांग्रेस ने अपनी तैयारी तेज कर दी है. छत्तीसगढ़ कांग्रेस के प्रभारी पीएल पुनिया और पीसीसी चीफ मोहन मरकाम बस्तर मंथन के लिए जाने वाले हैं. पीएल पुनिया 27 अक्टूबर से 5 दिवसीय दौरे छत्तीसगढ़ आ रहे हैं. इससे पहले पुनिया ने 2018 में हारे 19 विधानसभा सीटों पर रिपोर्ट ले चुके हैं. इस लिहाजा पुनिया के बस्तर दौरे को बहुत महत्वपूर्ण माना जा रहा है.


दरअसल इसी महीने 9 अक्टूबर से पीएल पुनिया और मोहन मरकाम का बस्तर दौरा निर्धारित था. लेकिन इसे अज्ञात कारणों से स्थगित कर दिया गया था. अब फिर से बस्तर दौरे का कार्यक्रम बनाया गया है. इसमें बस्तर के 12 विधानसभा सीटों पर कांग्रेस की नजर रहेगी. क्योंकि बस्तर संभाग के सभी सीटों पर कांग्रेस का कब्जा है. इस जीत को 2023 में कांग्रेस बरकरार रखना चाहती है. इसी लिए बस्तर की रिपोर्ट तैयार करने के लिए कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को 2023 के चुनाव की तैयारी में जुटने का निर्देश देने के लिए बस्तर जा रहे है.


माता दंतेश्वरी के दर्शन के बाद बैठक


बस्तर दौरे के लिए कांग्रेस पार्टी के तरफ से कार्यक्रम निर्धारित किया गया है. इसके मुताबिक 27 से 31 अक्टूबर तक प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया छत्तीसगढ़ में रहेंगे और पीसीसी चीफ मोहन मरकाम के साथ 28 अक्टूबर को दोपहर 2 बजे से नियमित विमान से जगदलपुर जाएंगे. शाम 6 बजे जगदलपुर विधानसभा के पदाधिकारियों से कांग्रेस कार्यकर्ताओं से मुलाकात करेंगे. 


दोनों नेता 29 अक्टूबर को दंतेवाड़ा में दंतेश्वरी माता का दर्शन करेंगे. पूजा-अर्चना के बाद वे दंतेवाड़ा विधानसभा क्षेत्र के पदाधिकारियों से मुलाकात करेंगे. 30 अक्टूबर को कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं की मीटिंग लेने के बाद दोपहर डेढ़ बजे तक रायपुर के फ्लाइट से रायपुर रवाना होंगे. इसके अगले दिन 31 अक्टूबर को रायपुर में प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक में भाग लेंगे. ये बैठक 11 बजे शुरू होगी. इसमें मुख्यमंत्री भूपेश बघेल समेत सभी कार्यरकाणी के सदस्य शामिल होंगे.


इन विधानसभा सीटों पर है कांग्रेस की नजर


अंतागढ़, भानुप्रतापपुर, कांकेर, केशकाल, कोंडागांव, नारायणपुर, बस्तर, जगदलपुर, चित्रकोट, दंतेवाडा, बीजापुर और कोंटा विधानसभा पर कांग्रेस का ही कब्जा है. लेकिन इस बार बीजेपी भी बस्तर में जीत के लिए साल भर पहले ही मंथन शिविर कर चुकी है. यानी बस्तर को लेकर बीजेपी और कांग्रेस आमने सामने की लड़ाई देखने को मिलेगी. वहीं बस्तर में इस बार कांग्रेस के लिए आदिवासियों का आंदोलन मुसीबत बन सकता है. क्योंकि सिलगेर में आदिवासियों का लंबे समय से आंदोलन चल रहा है.


पिछले महीने कांग्रेस ने 2018 के चुनाव में हारे 19 विधानसभा सीटों को लेकर मंथन किया था. प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया और पीसीसी चीफ मोहन मरकाम की मौजूदगी में कांग्रेस के पदाधिकारियों की बैठक ली गई थी. इसमें बिलासपुर और रायपुर संभाग के विधानसभा शामिल थे और अब बस्तर के 12 सीटों के लिए मंथन की तैयारी शुरू हो गई है. यानी कांग्रेस पार्टी अगले कुछ महीनों में प्रदेश के सभी 90 विधानसभा सीटों की रिपोर्ट तैयार करेगी. इस रिपोर्ट के आधार पर ही आगे की चुनावी रणनीति तैयारी की जाएगी.


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