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Chhattisgarh: कांग्रेस विधायक ने बीजेपी नेता को दी स्वेच्छा अनुदान की राशि, वायरल हो गई तस्वीर

Raipur News: डॉ. विनय जायसवाल पर पहले भी जरूरतमंदों को दी जाने वाली स्वेच्छा अनुदान की राशि को गैर जरूरतमंदों, अपने ही नेताओं और पत्रकारों को बांटने के आरोप लगते रहे हैं.

Chhattisgarh News: मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर ज़िले की मनेन्द्रगढ़ विधायक सभा से निकली दो तस्वीरें सोशल मीडिया में जमकर वायरल हो रही हैं जिसको लेकर लोग तरह-तरह के कमेंट कर रहे हैं. पहली तस्वीर एक 25 हज़ार के चेक की है और दूसरी तस्वीर चेक लेते समय की है. ये चेक वाली तस्वीर इसलिए ख़ास है क्योंकि चेक देने वाले कांग्रेस के विधायक हैं और चेक लेने वाले बीजेपी के पदाधिकारी हैं. चुनावी साल में इस तरह की तस्वीर वायरल होने के बाद कांग्रेस-बीजेपी के नेताओं के बीच सांठगांठ की चर्चा भी तेज हो गई है और इस बात की भी चर्चा लोगों की ज़ुबान पर है कि अपने जनाधार खो रहे विधायक अब दूसरे दल के नेताओं को ख़ुश कर चुनाव जीतने के जुगाड़ में हैं. 

कांग्रेस विधायक का बीजेपी पदाधिकारी को गिफ़्ट
वायरल तस्वीर में हरे कलर की शर्ट और पीले कलर के गमछे डाले शख्स का नाम धर्मेंद्र त्रिपाठी है. धर्मेन्द्र त्रिपाठी बीजेपी के चिरमिरी मंडल के महामंत्री बताए जा रहे हैं और उनके हाथ में एक चेक है जिसको मनेन्द्रगढ विधायक डॉ. विनय जायसवाल द्वारा उन्हें दिया गया है. विधायक ने त्रिपाठी को 25 हज़ार का ये चेक अपने स्वेच्छा अनुदान की राशि से दिया है और विपक्षी दल के नेता इस चेक को बड़ी ख़ुशी के साथ ग्रहण कर रहे हैं.

कांग्रेस विधायक डॉ. विनय जायसवाल के द्वारा बीजेपी महामंत्री को जब 25 हज़ार का चेक दिया जा रहा था तब इस तस्वीर के दाहिनी ओर टोपी और चश्मा लगाए शख़्स भी इसके गवाह थे. दरअसल इनका नाम गणेश ठाकुर हैं और ये चिरमिरी मंडल के बीजेपी उपाध्यक्ष बताए जा रहे हैं. मतलब साफ है कि कांग्रेस विधायक के हाथों स्वेच्छा अनुदान लेने के लिए एक नहीं अनेक बीजेपी पदांदिकारी पहुंचे थे. ग़ौरतलब है कि स्वेच्छा अनुदान समाज में आर्थिक रूप से कमजोर व्यक्ति को उसके कुछ ज़रूरी काम के लिए दिया जाता है, पर विधायक जी ने अपने कार्यकाल में ग़रीबों को छोड़कर सबको स्वेच्छा अनुदान की राशि बांटी है. 

पहले भी कर चुके हैं जनता के पैसे का दुरुपयोग
डॉ. विनय जायसवाल के वैसे तो कई क़िस्से कहानी समाचार की सुर्ख़ियां बन चुके हैं लेकिन केवल स्वेच्छा अनुदान की ही बात कर लें तो इस मामले में विधायक जी का रिकार्ड सही नहीं है. डॉ. विनय जायसवाल ने कुछ महीने पहले पत्रकारों को ख़ुश करने के लिए स्वेच्छा अनुदान की राशि बांट दी थी. हालांकि उस वक्त कुछ पत्रकारों ने उनकी राशि का चेक वापस कर उनको आईना दिखाया था. स्वेच्छा अनुदान को बांटने का मामला ग़ैर ज़रूरतमंदों, बीजेपी नेताओं और पत्रकारों तक सीमित नहीं है. अपने बड़बोलेपन के लिए चर्चित विधायक जायसवाल अपने कार्यकाल में महिला ब्लाक कांग्रेस अध्यक्ष, अपने दल के ही एल्डर मैन के अलावा अपने सहायक पीआरओ को भी स्वेच्छा अनुदान की राशि दे चुके हैं.

चेक मामले में बीजेपी जिला अध्यक्ष ने दी सफाई
बीजेपी ज़िला अध्यक्ष अनिल केशरवानी से जब इस संबंध में सवाल किया गया तो उन्होंने सफाई देते हुए कहा कि हमारे मंडल महामंत्री धर्मेन्द्र त्रिपाठी ब्राह्मण समाज के भी महामंत्री हैं. समाज के अध्यक्ष की तबियत ठीक ना होने के कारण वो ब्राह्मण समाज के लिए चेक राशि लेने गए थे लेकिन जब अध्यक्ष से चुनाव की नज़दीकियों के साथ इस तस्वीर से प्रभाव पड़ने का सवाल किया गया तब उन्होंने कहा कि राजनैतिक दृष्टिकोण से उनको चेक लेने नहीं जाना था. किसी और को भेज देना था. वैसे धर्मेन्द्र त्रिपाठी बड़े सरल, सहज व्यक्ति है. उन्होंने अपने सामाजिक दायित्व को निभाया है, लेकिन राजनैतिक रूप से मैं इसको चूक मानता हूं. 

'बीजेपी के कई नेता संपर्क में'
इधर जब कांग्रेस विधायक से वायरल तस्वीर में बीजेपी नेता को स्वेच्छा अनुदान देने को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने सबसे पहले कहा कि कई सारे बीजेपी नेता उनके संपर्क में हैं. उन्होंने कहा कि वो बीजेपी के 15 साल के कुशासन से मुक्ति चाहते हैं. और कांग्रेस की सरकार चाहते हैं. उन्होंने आगे कहा कि जहां तक स्वेच्छा अनुदान की बात है तो वो बीजेपी के महामंत्री हैं ये तय हैं. शायद वो ब्राह्मण समाज के लिए अनुदान लेने आए थे पर जब उनके शायद पर सवाल किया गया तो उन्होंने मज़ाक़िया अंदाज में कहा कि वो तो वही बताएंगे कि वो क्या हैं.

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