Ambikapur News: छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव और खाद्य मंत्री दोनों सरगुजा ज़िले से विधायक हैं. दोनों मंत्रियों में जो मन मुटाव, आपस में जो रिश्ते हैं वो पूरे साढ़े चार साल तक आम चर्चा का विषय बने रहे. अभी जब सूबे में विधानसभा चुनाव नज़दीक आ गया है. ऐसे में दोनों के बीच मन मुटाव सतह से ऊपर उझाल मारने लगा है. दोनों के बीच अंतरयुद्ध और तेज हो गया है. खाद्य मंत्री सूबे के मुख्यमंत्री के काफ़ी करीबी माने जाने लगे हैं जबकि टी एस सिंहदेव के रिश्ते सीएम से कैसे हैं ये बताने की शायद ज़रूरत नहीं है. बहरहाल दोनों के मनमुटाव का एक दृश्य कल दरिमा एयरपोर्ट पर देखने को मिला जहां दोनों मंत्रियों का ख़ेमा एक-दूसरे से मीटरों दूर खड़ा नज़र आया. यही नहीं इस दौरान स्वास्थ्य मंत्री ने साफ तौर पर सार्वजनिक रूप से कह दिया कि जो साढ़े चार साल से चल रहा है. वो कभी ठीक नहीं हो सकता है. 


दूर-दूर खड़े रहे दोनों मंत्री 
कल अम्बिकापुर के दरिमा एयरपोर्ट पर पहली टेस्टिंग फ़्लाइट उतरी. 9 सीटर इस फ़्लाइट की लैंडिंग की खबर सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुई जिसमें सिंहदेव समर्थकों ने पोस्ट किया कि उनके अथक प्रयासों के बाद दरिमा एयरपोर्ट पर जल्द हवाई सेवा शुरू होने वाली है और फिर सिंहदेव अपने समर्थकों के साथ दरिमा के मां महामाया एयरपोर्ट पहुंच गए. सिंहदेव के बाद हवाई सेवा के शुरू होने का क्रेडिट लेने में खाद्द मंत्री अमरजीत भगत कैसे पीछे रहते. टी एस सिंहदेव के बाद वो भी अपने दल बल के साथ एयरपोर्ट पहुंच गए. इस दौरान अमरजीत भगत के साथ ज़िले के प्रभारी और सूबे के नगरीय प्रशासन मंत्री शिव डहरिया भी साथ थे लेकिन एयरपोर्ट पर फ्लाइट की लैंडिंग के पहले से लेकर लैंडिंग के अंत तक दोनों गुटों में जो दूरियां थीं उसको सबने देखा और ये बात सोशल मीडिया पर जमकर वायरल भी हुई. 



सिंहदेव ने कहा हम नागरिक इलेवन तुम प्रशासन इलेवन
अब बारी थी कांग्रेस में मनमुटाव की खबरों पर पर्दा डालने की. दूरियों का मामला ज्यादा तूल न पकड़े इसलिए अमरजीत खेमे में खड़े नगरीय प्रशासन मंत्री ने टी एस सिंह देव को आवाज देकर कहा- महाराज इधर आइए लेकिन सिंहदेव जाने से इंकार कर दिया. सिंह देव ने आवाज देकर कहा कि आप लोग प्रशासन इलेवन हैं, हम लोग नागरिक इलेवन हैं. दरअसल सिंहदेव के खेमे में जहां पार्टी के कार्यकर्ता और आम लोग खड़े नजर आ रहे थे वहीं अमरजीत के खेमे में प्रशासन व पुलिस के अधिकारी समेत कई नेता खड़े नजर आ रहे थे. पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने बीजेपी के 15 साल पुराने किले को ध्वस्त करते हुए सरगुजा की सभी 14 विधानसभा सीटों पर कब्जा जमाया था, कांग्रेस इस बार भी ऐसा कमाल कर पाएगी अंदरूनी कलह को देखते हुए यह कहना थोड़ा मुश्किल है.


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