Chhattisgarh Election 2023: छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस ने चुनावी शंखनाद कर दिया है. छत्तीसगढ़ के सबसे बड़े संभाग बिलासपुर के जांजगीर चांपा जिले में भरोसे का सम्मेलन किया गया है. इसमें कांग्रेस पार्टी ने बिलासपुर संभाग के 24 सीटों के साथ-साथ एससी वर्ग के वोट बैंक को साधने के लिए बड़ी घोषणा की है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भरोसे के सम्मेलन में घोषणा किया है कि कांग्रेस सरकार हर ब्लॉक में सतनामियों के धार्मिक चिन्ह जैतखाम बनाया जाएगा. इसके लिए उन्होंने अधिकारियों को निर्देश भी दे दिया है.


जांजगीर चांपा भारसे के सम्मेलन में सीएम भूपेश की बड़ी घोषणा
दरअसल, जांजगीर चांपा जिले में 3 विधानसभा सीट है और 1 लोकसभा सीट है. इसमें कांग्रेस पिछले चुनाव में जीत नहीं मिली थी. लेकिन इस बार विधानसभा के साथ लोकसभा चुनाव में भी इस इलाके में चुनाव जीतने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रहे है. एससी वर्ग से आने वाले कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के हाथों 400 करोड़ से अधिक के विकास कार्यों की सौगात दी गई है. इसके अलावा छत्तीसगढ़ की प्रथम महिला मिनीमाता के नाम मेडिकल कॉलेज खोलने की भी घोषणा की है.


हर ब्लॉक में किया जाएगा जैतखाम का निर्माण
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मंच से सभा को संबोधित करते हुए कहा कि अब हम हर ब्लॉक में जैतखाम बनाएंगे. ग्राम पंचायत के माध्यम से सरपंच इसका निर्माण करवाएंगे. हम सभी को आगे बढ़ाने का काम कर रहे हैं. ऐसा कोई समाज नहीं है जो यह कह सके कि सरकार ने हमें जमीन नहीं दी है, या जमीन में भवन निर्माण के लिए पैसे नहीं दिए है. हमने छत्तीसगढ़ के सभी वर्गों और समाज के संरक्षण और उन्हें आगे बढ़ाने का काम किया है. हमारी सरकार में छत्तीसगढ़ में ऐसा कोई वर्ग नहीं जिसको जिसकों हमने फायदा नहीं पहुंचाया है, सब को फायदा मजदूरों से लेकर किसानों को सीधा पैसा पहुंच रहा है.


सतनामी करते जैतखाम की पूजा
करीब ढाई सौ साल पहले एक किसान परिवार में जन्मे घासीदास ने सतनाम पंथ की स्थापना की थी. इस पंथ में शांति, एकता और भाईचारे का संदेश दिया गया है. इसके प्रतीक के रूप में सफेद लकड़ी की पूजा की जाती है. मानव विज्ञान विभाग के प्रोफेसर डॉ जितेंद्र कुमार प्रेमी ने बताया कि, है धर्म की पहचान के लिए एक सिंबल होता है. जिससे उसकी पहचान की जा सकती है. उसी तरह सतनाम पंथ के लिए जैतखाम प्रतीक चिन्ह है. इसके पीछे ये मान्यता है की सतनाम पंथ में मूर्ति पूजा नहीं की जाती है, निर्गुण निराकार है. इस लिए एक लंबे खंबे का पूजा किया जाता है, जिसे जैतखाम कहा जाता है.


बिलासपुर संभाग में एससी वोट बैंक का दबदबा
बिलासपुर संभाग के 5 जिलों में जातिगत समीकरण की बात करें तो जांजगीर चांपा, सारंगढ़, रायगढ़, सक्ती,मुंगेली जिलों में एससी वोटरों की संख्या को गेम चेंजर माना जाता है. छत्तीसगढ़ के 10 एससी कोटे के विधानसभा में से 4 सीट केवल बिलासपुर संभाग में आते है. इसमें केवल 1 सीट में हो कांग्रेस की जीत हुई है. बाकी बीजेपी और बसपा के कब्जे में है. वहीं इसी इलाके में बहुजन की राजनीति करने वाली मायावती की पार्टी बहुजन समाज पार्टी भी हर बार चुनाव में एक या दो विधानसभा सीट जीतती आ रही है. इस लिए कांग्रेस ने अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे जो खुद एससी वर्ग से आते है. उनको चुनावी मैदान में उतार है.


क्या है बिलासपुर संभाग का समीकरण
छत्तीसगढ़ का सबसे बड़ा संभाग बिलासपुर है. जहां 8 जिलों में 24 विधानसभा सीट आती है. इस इलाके में सभी राजनीतिक पार्टियां जोर लगा रही है. इसी महीने पीएम मोदी भी बिलासपुर संभाग के रायगढ़ जिले में चुनावी रैली करने वाले है. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि कांग्रेस और बीजेपी के लिए बिलासपुर संभाग कितना अहम है. आपको बता दें कि बिलासपुर संभाग में 24 विधानसभा सीट है. इसमें से कांग्रेस के पास 13,बीजेपी 7, जोगी कांग्रेस 1 और बहुजन समाज पार्टी के पास 2 सीट है. वहीं जोगी कांग्रेस से अलग हुए धर्मजीत सिंह अब बीजेपी में शामिल हो गए है.


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