Chhattisgarh Politics: छत्तीसगढ़ में इस साल विधानसभा चुनाव (Chhattisgarh Assembly Election) होने वाले हैं, लेकिन कांग्रेस (Congress) की मुसीबत दिनों दिन बढ़ती जा रही है. सत्ता और संगठन में आपसी खींचतान की तस्वीर अब फिर से सार्वजनिक होने लगी है. इसका बड़ा उदाहरण पीसीसी चीफ मोहन मरकाम (Mohan Markam) के एक आदेश के बाद बवाल से समझ आता है. 6 पदाधिकारियों की नियुक्ति 6 दिन में एक झटके में समाप्त हो गई. यानी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष के नियुक्ति आदेश को कांग्रेस की प्रदेश प्रभारी कुमारी सैलजा ने निरस्त कर दिया.
Congress में 6 दिन पहले नियुक्ति और अब नियुक्ति निरस्त
दरअसल पीसीसी चीफ मोहन ने 16 जून को 6 पदाधिकारियों को संगठन में बड़ी जिम्मेदारी दी थी.इसके अनुसार प्रभारी महामंत्री प्रशासन और संगठन की जिम्मेदारी अरूण सिसोदिया को दिया गया था. इसके साथ महामंत्री रवि घोष बस्तर संभाग प्रभारी, महामंत्री अमरजीत चावला रायपुर शहर, युथ कांग्रेस और एनएसयूआई के प्रभारी बनाए गया था. उपाध्यक्ष प्रतिमा चंद्राकर राजनांदगांव प्रभारी बनाया गया था. महामंत्री चंद्रशेखर शुक्ला को मोहला मानपुर प्रभारी का प्रभारी और महामंत्री यशर्वधन राव को प्रशिक्षण प्रभारी की जिम्मेदारी दी गई थी.
प्रभारी ने प्रदेश अध्यक्ष के नियुक्ति आदेश को निरस्त किया
लेकिन 21 जून को कांग्रेस की प्रदेश प्रभारी कुमारी सैलजा ने एक आदेश जारी कर मोहन मरकाम के कलम से निकले नियुक्तियों को एक झटके में समाप्त कर दिया गया है. सैलजा ने अपने पत्र में लिखा कि मोहन मरकाम जी, आपके पत्र क्रमांक संख्या 108/2023, दिनांक 16 जून 2023 को छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी में पदाधिकारियों की नियुक्ति के आदेश को निरस्त किया जाता हैं. छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी में रवि घोष को महामंत्री प्रभारी प्रशासन एवं संगठन के पद का प्रभार दिया जाए. कृपया यह आदेश तुरंत प्रभाव से लागू किया जाए.
कांग्रेस के आपसी खींचतान पर बीजेपी का बयान
कांग्रेस में मचे बवाल से बीजेपी (BJP) को घर बैठे मुद्दा मिल गया है. पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन से लेकर बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ट्विटर पर कांग्रेस को घेरने में जुट गए है.बीजेपी इसे कांग्रेस में आपसी खींचतान और आदिवासी विधायक का अपमान बता रही है. पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन ने ट्वीट करते हुए लिखा है कि चापलूसी, जी हजूरी वाले सब इनाम के हक़दार है.जिनकी रीढ़ सलामत है उन्हें झेलना तिरस्कार है. रिमोट कंट्रोल संचालित कांग्रेस की प्रभारी कुमारी शैलजा जी का यह आदेश पूरे छत्तीसगढ़ के आदिवासियों का अपमान है.आपसी कलह के चलते पहले आदिवासी प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम की तस्वीर से परहेज़ था, अब उनकी कलम से निकले आदेश को निरस्त कर दाऊ भूपेश बघेल ने अपनी नीयत स्पष्ट कर दी है.
BJP ने कहा आदिवासी अध्यक्ष का Congress में तिरस्कृत
इसके अलावा बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने भी कांग्रेस में मचे हलचल पर चुटकी लेते हुए कहा कि देखे रहे हो बिनोद, अमित शाह जी की एक धमक से ही कांग्रेस की धरती डोल गई! शाह जी के एक दौरे से महामंत्रियों के किले ढहा दिए मैडम ने,अब आपस में ही..पूछता है कांग्रेस, पूछता है महामंत्री और पूछती है मैडम, खेल लेना चाहिए. आदिवासी अध्यक्ष आज फिर तिरस्कृत हुआ कांग्रेस में.
इस मामले में Congress का पक्ष अबतक नहीं आया
वहीं कांग्रेस में मचे बवाल पर एबीपी न्यूज ने कांग्रेस का पक्ष जानना चाहा तो कांग्रेस के संचार विभाग प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला की तरफ से अबतक कोई जवाब नहीं मिला है. खबर लिखे जाने तक कांग्रेस की तरफ कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है.
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