Bastar News: बस्तर में धर्मांतरण को लेकर फिर बवाल, विशेष धर्म की महिला के शव को दफनाने को लेकर हंगामा, पुलिस पर पथराव
Chhattisgarh Conversion Case: बस्तर में सोमवार सुबह विशेष धर्म की महिला के शव को दफनाने को लेकर दो समुदाय के बीच जमकर हंगामा हुआ. गांव वालों ने महिला के शव को अपने गांव में दफनाने से मना कर दिया.
छत्तीसगढ़ के बस्तर में धर्मांतरण का मामला तूल पकड़ता जा रहा है और इसे रोकने के लिए अब जिले के पंचायतों में हिंदू धर्म के लोग एक होते नजर आ रहे हैं. हाल ही में तोकापाल ब्लॉक के रानसर्गीपाल पंचायत के ग्रामीणों ने दूसरे धर्म के गुरुओं के गांव में घुसने पर प्रतिबंध लगा दिया है तो वहीं सोमवार सुबह विशेष धर्म की महिला के शव को दफनाने को लेकर परपा थाना क्षेत्र के भेजरीपदर में दो समुदाय के बीच जमकर हंगामा हुआ.
मूल आदिवासी ग्रामीण नहीं चाहते हैं कि उनके गांव में अपना धर्म परिवर्तन कर चुके मृतक के शव को दफनाया जाए, जिसको लेकर दोनों समुदाय के लोग आपस में वाद-विवाद करने लगे और इसकी सूचना मिलने के बाद मौके पर बड़ी संख्या में पुलिस बल को भेजा गया.
बढ़ते विवाद को लेकर विशेष धर्म के लोगों ने शव को पुलिस को सौंप दिया, जिसके बाद पुलिस और मूल धर्म के आदिवासियों के बीच झड़प भी हुई और इस दौरान पुलिस के जवानों पर पथराव भी हुआ, हालांकि जैसे तैसे मामला सुलझा कर पुलिस के अधिकारियों ने मृत महिला के शव को उसके ही घर के पीछे दफनाया, लेकिन अब बस्तर में इस तरह के मामले से तनावपूर्ण स्थिति उत्पन्न होने लगी है, बताया जा रहा है कि घटना में घायल हुए एक दो जवानों को अस्पताल में भर्ती भी किया गया है, पुलिस के अधिकारियों का कहना है कि शव को दफनाने के साथ फिलहाल अब भेजरीपदर गांव में मामला शांत करा लिया गया है.
दो समुदायों के बीच हुआ विवाद
बस्तर पुलिस के एसडीओपी ऐश्वर्य चंद्राकर से मिली जानकारी के मुताबिक 19 मार्च की आधी रात को भेजरीपदर गांव की एक महिला की बीमार पड़ने से मौत हो गई, जिसके बाद उसके परिजनों ने गांव में मौजूद कब्रिस्तान में महिला के शव को दफनाना चाहा और इसके लिए परिजनों के साथ कुछ गांव वाले शव को दफनाने कब्रिस्तान ले जा रहे थे, इसी दौरान गांव के ग्रामीणों ने उनका रास्ता रोका और शव दफनाने को लेकर विरोध प्रदर्शन किया.
इस दौरान परिजन महिला के शव को लेकर वहीं बैठे रहे और इसकी जानकारी पुलिस को दी गई, जिसके बाद शव दफनाने का विरोध कर रहे ग्रामीणों ने भी पुलिस के अधिकारियों को शव को गांव में दफनाने की मंजूरी नहीं देने की बात कही और पूरे 36 घंटे तक गांव के सड़क पर ही महिला का शव पड़ा रहा.
तनाव की स्थिति को देखते हुए रविवार दोपहर से ही पुलिस बल की तैनाती की गई थी, लेकिन सोमवार सुबह से ही दोनों समुदाय के लोगो के बीच विवाद बढ़ गया, विशेष धर्म के लोग गांव में ही शव दफनाने की बात को लेकर अढ़े रहे, वहीं गांव के मूल आदिवासियों ने किसी भी कीमत पर शव को गांव में दफनाने नहीं देने की बात कही. इस दौरान दोनों समुदाय के लोगों के बीच आपसी झड़प भी हुई.
हालांकि मौके पर मौजूद पुलिस की टीम ने जैसे तैसे दोनों समुदाय के लोगों को विवाद बढ़ने से रोका ,लेकिन इस दौरान गुस्साए लोगों ने पुलिस के जवानों पर भी पत्थर और डंडे से हमला कर दिया और इस घटना में तीन से चार डीआरजी के जवान घायल भी हुए, हालांकि काफी मान मनोव्वल के बाद और पुलिस के हस्तक्षेप करने के बाद महिला के शव को उसी के घर के पीछे दफनाने के लिए ग्रामीण राजी हो गए.
लेकिन इस दौरान पुलिस को पूरे 24 घंटे तक ग्रामीणों को मनाना पड़ा. एसडीओपी ऐश्वर्य चंद्राकर का कहना है कि फिलहाल गांव में अब शांतिपूर्ण माहौल है और महिला के शव को दफना दिया गया है, वही ग्रामीणों के पथराव में एक दो जवान घायल हुए हैं उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया जा रहा है.
धर्मांतरण के मामले में हो रहा गांव-गांव में बवाल
गौरतलब है कि नारायणपुर में धर्मांतरण को लेकर झुलसी आग अब धीरे-धीरे बढ़ती जा रही है, बस्तर जिले में बीते 3 महीने में विशेष धर्म के मृतकों के शवों को दफनाने को लेकर बवाल मच चुका है और वहीं छत्तीसगढ़ के बस्तर में नक्सलवाद के बाद धर्मांतरण बड़ा मुद्दा बन गया है. बस्तर के वरिष्ठ नागरिकों का कहना है कि समय रहते इस मामले को सुलझाने की जरूरत है.
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