Bilaspur Corona Cases: लंबे समय बाद सरगुजा संभाग मुख्यालय अम्बिकापुर के अलावा लखनपुर व उदयपुर क्षेत्र में कोरोना के इक्का-दुक्का पॉजिटिव केस अभी भी मिल रहे हैं. इसके बावजूद स्वास्थ्य विभाग के द्वारा बुस्टर डोज के प्रति न तो ध्यान दिया जा रहा है और न ही आम नागरिक भी संक्रमण से बचने जरूरी उपाय करते देखे जा रहे हैं. हाल ही में बिलासपुर में एक संक्रमित महिला की मौत होने और उनके पुत्र के पॉजिटिव आने से लोगों की चिंता बढ़ गई है.


बिलासपुर में इलाज के दौरान शनिवार को कोरोना पीड़िता 43 वर्षीय महिला की मौत हो गई, उसे पता ही नहीं चला कि उसे कोविड है क्योंकि उसका टेस्ट तब हुआ जब वह अंतिम सांसे ले रही थी. बताया जा रहा है कि यह पिछले तीन महीने में कोरोना से पहली मौत है.


महिला की मौत के बाद उसके परिवार को पता चला कि वह कोविड-पॉजिटिव थी. कोरोना टेस्ट में कमी देखी जा रही है. 8 मार्च को केवल 40 नमूनों का परीक्षण किया गया था और जिस दिन उसकी मृत्यु हुई उस दिन 300 नमूनों का परीक्षण किया गया था. महिला की मौत से पता चलता है कि टेस्टिंग बढ़ाने की जरूरत है.


मौजूदा समय में एक संक्रमित महिला होम आइसोलेशन में है. राहत की बात यह है कि उक्त महिला होम आइसोलेशन में ही रिकवर हो रही है. इसके पूर्व 6 मार्च को भी एक संक्रमित वृद्ध की पहचान हुई थी. इसके अलावा 29 नवंबर 2022 व 27 नवंबर को भी संक्रमित मिले थे. स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक यह चारो संक्रमित होम आइसोलेशन से ही स्वस्थ्य हो डिस्चार्ज हुए. मौजूदा समय में देश में संक्रमितों की तादात बढ़ रही है.


वहीं प्रदेश में एक मौत होने के साथ ही बचाव के लिए जरूरी एहतियात बरते जाने और बुस्टर डोज की आवश्यकता फिर से बढ़ गई है. विभिन्न भीड़भाड़ वाले कार्यक्रमों पर भी लोग लापरवाही बरत रहे हैं. लोग मास्क के प्रति लापरवाह हुए हैं. संक्रमण की मौजूदा स्थिति को देखते हुए कोविड नियमों के पालन की आवश्यकता भी बढ़ गई है.


ब्लड बैंक की महिला कर्मी संक्रमित 


बताया जा रहा है कि मेडिकल कॉलेज अस्पताल के ब्लड बैंक में पदस्थ दर्रीपारा निवासी एक 50 वर्षीया महिलाकर्मी सर्दी, खांसी, बुखार जैसे लक्षण से पीड़ित थी और वायरल की दवा खाने के बावजूद स्वस्थ्य नहीं होने पर 14 मार्च को उनका सैंपल जांच किया गया, जिसमें वह पॉजिटिव निकली. एक महिला कर्मी के पॉजिटिव आने से शेष कर्मचारियों में भी हड़कंप रहा.


एहतियात के तौर पर संपर्क में आए कर्मियों का रेंडम सैंपल लिया गया. जिसमें सभी के रिपोर्ट निगेटिव आने से कर्मियों के साथ अस्पताल प्रबंधन ने भी राहत की सांस ली. संक्रमित महिला का बाहरी ट्रैवल हिस्ट्री नहीं था, जिससे यह अनुमान लगाया जा रहा है कि संभवतः ड्यूटी के दौरान ही वह किसी संक्रमित के संपर्क में आ पॉजिटिव हुई होगी.


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