Coronavirus Cases: इस महीने 14 कोरोना संक्रमितों की मौत, टीएस सिंह देव ने कहा- 'लक्षण दिखे तो जांच कराएं, इंतजार मत करिये'
स्वास्थ्य मंत्री टी.एस. सिंहदेव ने रायपुर में बढ़ते कोरोना संक्रमण को लेकर अधिकारियों की बैठक ली है. इस बैठक में छत्तीसगढ़ में लगातार हो रहे कोरोना संक्रमितों के मौत की समीक्षा की गई है.
Coronavirus Cases In Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ में कोरोना के मामले बढ़ते जा रहे हैं. इसके साथ कोरोना से मौत के आंकड़े भी तेजी से बढ़ रहे हैं. इस महीने अब तक 14 कोरोना संक्रमितों की मौत हो चुकी है. इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मचा है. स्वास्थ्य मंत्री ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ हाई लेवल मीटिंग की है. इसमें उन्होंने अधिकारियों को अलर्ट रहने के लिए कहा है साथ ही रोजाना दस हजार सैंपलों की जांच करने के निर्देश दिए हैं.
कोरोना को लेकर स्वास्थ्य विभाग में अलर्ट
दरअसल मंगलवार को स्वास्थ्य मंत्री टी.एस. सिंहदेव ने रायपुर में बढ़ते कोरोना संक्रमण को लेकर अधिकारियों की बैठक ली है. इस बैठक में छत्तीसगढ़ में लगातार हो रहे कोरोना संक्रमितों के मौत पर समीक्षा की गई है. इसपर ये जानकारी सामने आई है कि कोरोना संक्रमित मरीज देरी से अस्पताल पहुंच रहे हैं. इस वजह से उनकी मौत हो रही है. इसके अलावा ये बात भी सामने आई है कि अप्रैल में जितने मरीजों की मौत हुई उनमें से 33 प्रतिशत लोगों ने वैक्सीन नहीं लगवाई है.
ज्यादा से ज्यादा जांच आरटीपीसीआर टेस्ट करने के निर्देश
स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को कहा है कि अलर्ट रहते हुए कोरोना की जांच, इलाज, इससे बचाव और नियंत्रण के लिए सभी व्यवस्थाओं को दुरुस्त रखने को कहा है. इसके आलावा स्वास्थ्य मंत्री ने कोविड-19 के लक्षण वाले लोगों में इसकी पुष्टि के लिए ज्यादा से ज्यादा जांच आरटीपीसीआर टेस्ट के माध्यम से कराए जाने के साथ ही मेडिकल उपकरणों, ऑक्सीजन किट, वैक्सीन, दवाइयों, कन्जुमेबल्स (Consumables)आदि की समुचित व्यवस्था रखने के निर्देश दिए हैं.
इसके अलावा स्वास्थ्य मंत्री ने कोरोना संक्रमितों की मौत को लेकर मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि जितने पॉजिटिव आए रहे हैं उसमें अस्पताल वाले केस ज्यादा नहीं है. यानी कोरोना संक्रमित 95 प्रतिशत मरीज होम आइसोलेशन में ही ठीक हो जा रहे हैं. टीएस सिंहदेव ने आगे कहा कि चिंता की बात ये है मरीज देर से अस्पताल आ रहे हैं. मरीज घर में ही ठीक हो जाएंगे. ये सोच कर देरी हो रही है.
इस महीने जितनी लोगों की मौत हुई लगभग सब देर से आए हैं. अस्पताल पहुंचने के 24, 48 और 72 घंटे के भीतर ही मौत हो गई है. देर से जो मरीज आ रहे हैं उनसे अपील है कि लक्षण लगे तो सबसे पहले टेस्टिंग कराएं. इंतजार मत करिए अगर अस्पताल में भर्ती होने की स्थिति है तो देर मत करिए. क्योंकि उसमें ही जीवन मृत्यु का अंतर है.
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