Bastar Suicide: छत्तीसगढ़ में सर्विस राइफल से सीआरपीएफ जवान ने खुद को मारी गोली, मौत से मचा हड़कंप
Bastar News: छत्तीसगढ़ में सीआरपीएफ जवान ने खुदकुशी कर ली. वे मूलरूप से केरल के रहने वाले थे. इससे हड़कंप मच गया है.
Chhattisgarh Suicide: छत्तीसगढ़ के बस्तर में नक्सल मोर्चे पर तैनात एक और जवान ने खुदकुशी कर ली है, बीते 3 सालों से लगातार जवानों की आत्महत्या करने का मामला बढ़ते जा रहा है. बीजापुर जिले में सीआरपीएफ 85 वीं बटालियन के हेड ऑफिस में पदस्थ जवान ने मंगलवार को अपनी सर्विस राइफल से खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली है. जवान का नाम विनय उर्फ बीनू बताया जा रहा है. जो केरल का निवासी था, और पिछले 2 सालों से बीजापुर के 85 वीं बटालियन मुख्यालय में पदस्थ था.
जानकारी मिल रही है कि 3 दिन पहले ही जवान छुट्टी से वापस लौटा था और जिसके बाद उसने अपने बैरक में अपने ही सर्विस राइफल से गोली मारकर आत्महत्या कर ली, हालांकि अब तक आत्महत्या के कारणों का पता नहीं लग पाया है. वहीं पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और आत्महत्या के कारणों का पता लगा रही है.
अपने बैरक में खुद को मारी गोली
बीजापुर के एसपी आंजनेय वार्ष्णेय से मिली जानकारी के मुताबिक जवान विनय उर्फ बिनु पिछले 2 सालों से बीजापुर में सीआरपीएफ 85 वीं बटालियन के मुख्यालय में पदस्थ था, हर रोज की तरह मंगलवार सुबह भी जवान अपने बैरक से तैयार होकर ड्यूटी में जाने के लिए निकल रहा था, इस दौरान उसके साथी उसे बैरक में छोड़कर ड्यूटी पर आ गए. लेकिन जवान नहीं आया. उसने बैरक में ही अपने सर्विस राइफल से खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली. गोली की आवाज सुन जवान बैरक की ओर दौड़े लेकिन तब तक जवान की मौत हो चुकी थी.
जानकारी मिलने के बाद जिला पुलिस बल ने शव को पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल भेजा. एसपी ने कहा कि फिलहाल CRPF के अधिकारियों से भी पूछताछ चल रही है, प्रारम्भिक जानकारी मिली है कि जवान 3 दिन पहले ही छुट्टी से वापस ड्यूटी में लौटा था और उसके बाद जवान की किसी से वाद-विवाद भी नहीं हुई, लेकिन जवान ने आत्महत्या क्यों की इसका कुछ पता नहीं लगा सका है, फिलहाल पुलिस इस मामले की जांच कर रही है, और आत्महत्या के कारणों का पता लगाने में जुटी हुई है.
3 सालों में 15 से अधिक जवानों ने की आत्महत्या
इधर बस्तर में तैनात अर्धसैनिक बलों के आत्महत्या करने का मामला बढ़ता ही जा रहा है, पिछले 3 सालों में 15 से अधिक जवानों ने खुदकुशी की है, हालांकि जवानों को मानसिक रूप से सही रखने के लिए बस्तर पुलिस स्पंदन जैसे कार्यक्रम चलाने की बात कह रही है, लेकिन इस कार्यक्रम से कुछ खास फर्क पड़ता नहीं दिखाई दे रहा है, जिसके चलते लगातार नक्सल मोर्चे पर तैनात जवान आत्महत्या कर रहे हैं.
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