छत्तीसगढ़ के जगदलपुर में इन दिनों शाम होते ही 48 वार्डों के साथ-साथ मुख्य मार्गों पर अंधेरा छाया हुआ रहता है. इसकी वजह निगम प्रशासन की घोर लापरवाही है. दरअसल निगम प्रशासन ने छत्तीसगढ़ बिजली कंपनी विभाग (सीएसपीडीसीएल) को सालों से बकाया बिजली बिल का भुगतान नहीं किया है, जिसके चलते बिजली विभाग ने स्ट्रीट लाइटों का कनेक्शन काट दिया है. स्ट्रीट लाइटों का कनेक्शन काटे जाने के कारण पूरा शहर शाम होते ही अंधेरे में डूब जाता है. बता दें कि सीएसपीडीसीएल शहर के 48 वार्डों की स्ट्रीट लाइट के लिए पावर सप्लाई करता है. कोरोना संकटकाल के पहले से नगर निगम प्रशासन ने बकाया बिजली बिल का भुगतान नहीं किया है जिसके चलते कंपनी ने एक झटके में सभी स्ट्रीट लाइट के कनेक्शन काट दिये हैं.
सीएसपीडीसीएल के अफसरों से मिली जानकारी के मुताबिक, पावर ग्रिड से शहर के वार्डों और सड़कों पर जलने वाली स्ट्रीट लाइट के लिए बिजली की सप्लाई की जाती है. इसके लिए नगर निगम हर महीने पावर कंपनी को एकमुश्त भुगतान करता है. कोरोना संकटकाल के शुरू होने से पहले से ही निगम ने भुगतान रोक दिया था, जिसके बाद कई बार इस विषय में पत्राचार किया गया, लेकिन भुगतान नहीं हो पाया. ऐसे में पावर कंपनी का ओवर लाइन Q बकाया लगातार बढ़ता गया और अब यह 2 करोड़ 20 लाख रुपये तक पहुंच गया है. अब मजबूरी में पावर कंपनी को यह कार्रवाई करनी पड़ी है.
अधिकारियों ने बताया कि कोरोना संकटकाल के दौर में पूरे 3 साल तक भुगतान के बगैर भी बिजली सप्लाई लगातार चालू रखी गई थी. अब चूंकि हालात सामान्य हो चुके हैं, इसलिए भुगतान के लिए कहा जा रहा था. उन्होंने कहा कि निगम के लोगों ने इस पर ध्यान नहीं दिया, जिसके चलते मजबूरी में यह कार्रवाई करनी पड़ी है.
निगम आयुक्त प्रेम कुमार पटेल से मिली जानकारी के मुताबिक शहर के 48 वार्डों में लगभग 7 हजार स्ट्रीट लाइट हैं, जिन्हें चालू रखने के लिए निगम प्रशासन को औसतन 7-8 लाख रुपये का भुगतान सीएसपीडीसीएल को हर महीने करना होता है. आयुक्त ने कहा कि बिजली विभाग के अधिकारियों से निवेदन किया गया है कि स्ट्रीट लाइट का कनेक्शन चालू किया जाए. उन्होंने जल्द ही बकाया भुगतान करने की बात भी कही है.
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