Chhattisgarh: आजादी के 76 साल बाद नक्सलगढ़ के 7 गांव हुए रौशन, 350 परिवारों के घर पहुंची बिजली, दौड़ी खुशी की लहर
Electricity in Sukma: नक्सल प्रभावित जिलों में बिजली पहुंचाने को लेकर जिला कलेक्टर ने कहा कि आसपास के गांवों में बिजली पहुंचाने के लिए जिला प्रशासन और इलेक्ट्रिक विभाग लगातार कोशिश कर रहा है.
Sukma News: नक्सलवाद का दंश झेल रहे छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के अति संवेदनशील क्षेत्र में रहने वाले 7 गांव के 350 परिवारों में उस वक्त खुशी की लहर दौड़ गई. जब देश की आजादी के 75 साल बाद उनके घर लाइट पहुंची. जिला प्रशासन के प्रयास से पिछले 10 साल की मेहनत के बाद इन 7 गांव में बिजली पहुंचाया गया. दरअसल इस इलाके में नक्सलियों के दहशत की वजह से आज तक यह गांव अंधेरे में डूबे हुए थे, पिछले कुछ सालों से बिजली विभाग के द्वारा लगातार प्रयास किए जाने के बावजूद नक्सली इलेक्ट्रिक पोल को नुकसान पहुंचा रहे थे.
हालांकि पिछले कुछ सालों से लगातार बिजली विभाग और जिला प्रशासन की टीम ने इन गांवों तक इलेक्ट्रिक पोल और बिजली के सामान पहुंचाकर इन 7 गांवो को रौशन किया है, जिससे स्थानीय लोग काफी खुश हैं. बस्तर संभाग का सुकमा जिला सबसे अधिक नक्सल प्रभावित जिलों में से एक है. नक्सलियों की दहशत की वजह से ग्रामीणों तक मूलभूत सुविधा नहीं पहुंच पाती हैं. पिछले कुछ सालों से जिला प्रशासन के प्रयास से ग्रामीणों तक मूलभत सुविधा पहुचाने की कोशिश की जा रही है, इसी के तहत आजादी के 75 साल बाद सुकमा जिले के नक्सल प्रभावित सात गांवों को बिजली की सौगात मिली है.
शाम होते ही हो जाता था अंधेरा घुप्प
इससे 350 परिवारों के घरों में सीधे बिजली पहुंचाई गई है, जिसके कारण ग्रामीणों में काफी उत्साह देखने को मिल रहा है. इन 7 गांवो में डब्बाकोंटा, पिड़मेल, एकलगुड़ा, दुरामांगू, तुमबांगु, सिंगनपाड़ और डोकपाड़ शामिल है. इससे पहले इन 7 गांव के ग्रामीण सौर ऊर्जा पर निर्भर थे, कुछ गांव के ग्रामीणों को सौर ऊर्जा का लाभ भी नहीं मिल रहा था. पूरे गांव में शाम होते अंधेरा घुप्प हो जाता था. बच्चों को पढ़ाई सहित अन्य जरुरी कामों के लिए बिजली नहीं मिलने से स्थानीय ग्रामीणों का काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था.
'इन गांवों में बिजली पहुंचाना बड़ी चुनौती'
सुकमा जिले के कलेक्टर एस. हरीश ने बताया कि जिले के नक्सल प्रभावित इलाकों में लगातार बुनियादी सुविधाए पहुंचाई जा रही है, इसी कड़ी में कोंटा ब्लॉक के 7 गांवों को अंधेरा मुक्त किया गया है. आसपास के गांवों में भी बिजली पहुंचाने के लिए जिला प्रशासन और इलेक्ट्रिक विभाग लगातार कोशिश कर रहा है. बिजली विभाग के मुख्य कार्यपालन अभियंता जोसेफ केरकेट्टा ने बताया कि जिले के अतिसंवेदनशील इलाके में बसे इन गांवों में बिजली की लाइन बिछाना काफी मुश्किल और चुनौतीपूर्ण था.
यह इलाका जिला मुख्यालय से काफी दूर है. यहां तक इलेक्ट्रिक सामान पहुंचाना चुनौतीपूर्ण था, इस इलाके के सभी गांव घने जंगलों के बीच बसे हुए हैं, इन गांवों में मजदूर भी बेहद मुश्किल से पहुंचे हैं. तमात चुनौतियों को मात देते हुए बिजली विभाग ने इस काम को पूरा किया है और 7 गांवो में बिजली पहुंचाई.
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