Chhattisgarh News: नक्सल मोर्चे पर तैनात CRPF के 25 जवान हुए फूड पॉइजनिंग के शिकार, पांच की हालत गंभीर
CRPF Food Poisoning: बताया जा रहा है कि जवानों ने हेडक्वार्टर कैंप में छोले भटूरे खाये थे. खाने के लगभग आधे घंटे के बाद ही जवानों को पेट दर्द, उल्टी, दस्त और चक्कर आने की शिकायत आने लगी
Dantewara CRPF Food Poisining: छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में नक्सल मोर्चे (naxal front) पर तैनात सीआरपीएफ (CRPF) की 230वीं बटालियन के नेरली हेडक्वाटर में 25 जवानों के एक साथ बीमार पड़ने से खलबली मच गई. दरअसल सभी जवान फूड प्वाइजनिंग (Food Poisining) के शिकार हो गए और उन्हें उल्टी दस्त की शिकायत होने लगी. सभी जवानों का प्राथमिक उपचार किया गया, लेकिन हालत ज्यादा बिगड़ने पर इन्हें बचेली एनएमडीसी के अपोलो (Apollo) अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां पांच जवानों की हालत गंभीर बताई जा रही है, जिनका इलाज जारी है.
कैंप में खाए थे छोले भटूरे
बताया जा रहा है कि जवानों ने हेडक्वार्टर कैंप में छोले भटूरे खाये थे. खाने के लगभग आधे घंटे के बाद ही जवानों को पेट दर्द, उल्टी, दस्त और चक्कर आने की शिकायत आने लगी. इसके बाद बाद इन्हें गंभीर हालत में अस्पताल पहुंचाया गया.
तबियत बिगड़ने पर पहुंचाया गया अस्पताल
सीआरपीएफ बटालियन के नेरली हेडक्वार्टर में फूड प्वाइजनिंग का शिकार हुए जवान सुनील कुमार तिवारी ने बताया कि सुबह नाश्ते में सभी जवानों ने छोले भटूरे खाया था और आधे घंटे बाद उनकी तबीयत अचानक बिगड़ने लगी. उनकी बैरक के जवानो के अलावा अन्य दो बैरक के कुल 25 से ज्यादा जवान धीरे-धीरे बीमार पड़ने लगे. हालांकि, कैंप में उन्हें प्राथमिक उपचार दिया गया, लेकिन इसके बाद भी उनकी हालत में सुधार नहीं हुआ और तबीयत ज्यादा बिगड़ने लगी. इसके बाद उन्हें बचेली के अपोलो अस्पताल पहुंचाया गया.
कुछ जवानों को किया गया डिस्चार्ज
मरीज ने बताया कि उन्हें नहीं मालूम की छोले भटूरे में क्या मिलाया गया था, लेकिन उसे खाने के बाद ही उनकी तबीयत बिगड़ने लगी. इधर, अस्पताल में कुछ जवानों की इलाज के बाद तबीयत में सुधार होने के बाद उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया है. बाकी जवान, जिनमें से पांच की हालत गंभीर बनी हुई है, उन्हें बेहतर इलाज मुहैया कराया जा रहा है.
अस्पताल के डॉक्टर एसएम हक का कहना है कि फूड प्वाइजनिंग का शिकार हुए जवानों को बेहतर इलाज देने के बाद और कुछ घंटों तक ऑब्सर्वेशन में रखने के बाद हालत में सुधार होने से उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया है. लेकिन, पांच जवानों मेंं हाई बीपी, प्लेटलेट्स बढ़ने और अन्य बीमारियों से पीड़ित होने की वजह से उन्हें अभी अस्पताल में रखा गया है. उनका इलाज जारी है, हालांकि उनकी स्थिति सामान्य बनी हुई है. लगातार डॉक्टर उनकी देखरेख कर रहे है. बाकी जवानों को डिस्चार्ज कर दिया गया है.
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