Dantewada News: छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा (Dantewada) में शुक्रवार को एक बड़ा हादसा हुआ है. यहां मुचनार घाट में उफनती मइंद्रावती नदी (Indravati River) में यात्रियों से भरी नाव पलट गई. इस नाव में कुल 8 ग्रामीण सवार थे जिसमें एक व्यक्ति ने तैरकर अपनी जान बचा ली, लेकिन अन्य सात लोगों का कुछ पता नहीं चल पा रहा है. पिछले कुछ दिनों से लगातार हो रही बारिश की वजह से इंद्रावती नदी का जलस्तर बढ़ा हुआ है. हालांकि सूचना मिलते ही मौके पर दंतेवाड़ा पुलिस गोताखोरों की टीम के साथ पहुंची गई और लापता लोगों को ढूंढने में लगी हुई है.


बताया जा रहा है कि सात लोगों में महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं. यहां नदी में पुल नहीं बनने की वजह से आसपास के ग्रामीण इंद्रावती नदी को नाव से पारकर ही बारसूर की ओर आते हैं. बताया जा रहा है कि नाव काफी छोटी थी और इसमें 8 लोग सवार होने की वजह से नाव पलट गई और सात लोग नदी में बह गए,  फिलहाल गोताखोरों की टीम लगातार मौके पर सर्च ऑपरेशन चला रही है.


नदी में बहे लोगों की जानकारी जुटा रही पुलिस
दंतेवाड़ा जिले के एडिशनल एसपी आर.के बर्मन ने बताया कि पुलिस को सूचना मिली कि शुक्रवार को दोपहर हर रोज की तरह नदी के उस पार  रहने वाले ग्रामीण बारसूर आने के लिए मुचनार घाट में नाव  में सवार होकर आ रहे थे. इसी दौरान नदी के बीच मझधार में नाव पलट गई. इस नाव में 8  लोग सवार थे जिसमें महिला और बच्चे भी शामिल थे. नाव पलटने से सात ग्रामीण बह गए, जबकि एक व्यक्ति ने तैरकर अपनी जान बचा ली. सूचना मिलते ही गोताखोरों की टीम को जिला पुलिस बल के साथ मौके के लिए रवाना किया गया और गोताखोरों की टीम बोट और अन्य संसाधनों के साथ नदी में बहे लोगों को ढूंढने का प्रयास कर रही है.


लंबे समय से ग्रामीण कर रहे पुल बनाने की मांग
इंद्रावती नदी पर लंबे समय से पुल बनाने की मांग की जा रही है. अबूझमाड़ का इलाका होने की वजह से यहां नक्सली दहशत की वजह से पुल प्रस्तावित होने के बावजूद भी नहीं बन पाए हैं. दंतेवाड़ा जिला प्रशासन से मिली जानकारी के मुताबिक इंद्रावती नदी में दो और नए पुल बनाए जाने हैं जिसमें मुचनार घाट का भी पुल शामिल है. इसके अलावा बीजापुर में भी इंद्रावती नदी पर तीन पुल बनाया जाना है.


पुल के अभाव में ग्रामीण अपनी रोजमर्रा की जरूरत की चीजों के लिए इंद्रावती नदी को नाव से ही पारकर शहर की ओर पहुंचते हैं. इससे पहले भी इस नदी में कई बार हादसे हो चुके हैं और ग्रामीणों को अपनी जान गंवानी पड़ी है.


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