Lone Varratu Campaign: दंतेवाड़ा पुलिस के सामने मंगलवार को एक ईनामी नक्सली दंपति ने सरेंडर किया है. यह नक्सली दंपति 42 जवानों की हत्या में शामिल रह चुका है. साथ ही संगठन के कई बड़े नक्सली नेता के साथ काम कर भी कर चुका है. इसमें पुरुष नक्सली हुर्रा कुंजाम नक्सलियों के मिलिट्री कमेटी प्लाटून नंबर 24 का सेक्शन कमांडर है जो पिछले 7 सालों से नक्सली संगठन में सक्रिय रहा. जिस पर पुलिस ने 5 लाख रुपये का इनाम घोषित कर रखा था. वहीं उसकी पत्नी नक्सलियों की प्लाटून नंबर 24 की सदस्य थी. जिस पर 2 लाख रुपये का इनाम घोषित था.
एनकाउंटर के डर से किया सरेंडर
इस दंपति ने सरकार की पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर और एनकाउंटर के डर से दंतेवाड़ा में DIG सीआरपीएफ विनय कुमार और दंतेवाड़ा एसपी सिद्धार्थ तिवारी के समक्ष आत्मसमर्पण किया. सरेंडर किये नक्सली दंपति बुर्कापाल, श्याम गिरी, मदारी, नीलावाला और मेलावाड़ा में हुए बड़ी घटनाओं में शामिल रह चुके हैं.
लोन वर्रा टू अभियान
दंतेवाड़ा एसपी सिद्धार्थ तिवारी ने बताया कि सरकार की पुनर्वास नीति और दंतेवाड़ा पुलिस द्वारा चलाए जा रहे लोन वर्राटू (घर वापस आइए) अभियान के तहत लगातार आसपास के इलाके में सक्रिय नक्सली पुलिस के सामने हथियार डाल रहे हैं. लोन वर्रा टू अभियान के तहत अब तक 539 नक्सली आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा से जुड़े हैं. इनमें 130 इनामी नक्सली शामिल हैं. मंगलवार को भी नक्सलियों के मिलिट्री कमेटी के प्लाटून नम्बर 24 का सेक्शन कमांडर हुर्रा कुंजाम और उसकी पत्नी प्लाटून नम्बर 24 सदस्य बुधरी माड़वी ने आत्मसमपर्ण किया.
एसपी ने दी ये जानकारी
एसपी ने बताया कि सेक्शन कमांडर हुर्रा कुंजाम पैर की बीमारी से काफी लंबे समय से ग्रसित था और भागदौड़ नहीं कर पाने की वजह से नक्सली उसे ध्यान नहीं देते थे. उसे डर था कि वह कभी भी एनकाउंटर में मारा जा सकता है.
इस भय और अपनी पत्नी के साथ हंसी-खुशी जिंदगी बिताने के लिए उसने सरेंडर किया. एसपी ने बताया कि पिछले 7 सालों में हुर्रा कुंजाम नक्सलियों द्वारा किए गए कई बड़ी वारदातों में शामिल रह चुका है. जिसमें जिले में हुए अलग-अलग घटनाओं में शहीद हुए 42 जवानों की हत्या में शामिल रह चुका है. फिलहाल हुर्रा कुंजाम के सरेंडर करने से नक्सली संगठन को काफी बड़ा धक्का लगा है.
खुशहाल जिंदगी के लिए किया सरेंडर
सरेंडर नक्सली हुर्रा कुंजाम ने बताया कि वह मलांगेर एरिया कमेटी के खूंखार नक्सली देवा, जयलाल समेत अन्य बड़े नक्सलियों के साथ काम कर चुका है. संगठन में रहते हुए साथी महिला नक्सली बुधरी माड़वी से प्यार हुआ, दोनों ने संगठन से शादी के लिए इजाजत ली. पहले बड़े लीडरों ने हुर्रा कुंजाम की नसबंदी करवाई फिर साल 2018 में इनकी शादी करवा दी.
शादी के बाद बुधरी बीमार पड़ने लग गई लेकिन फिर भी नक्सली संगठन के कामों के लिए दबाव बनाते थे. इसी वजह से दोनों ने खुशहाल जिंदगी के लिए संगठन छोड़ने का निर्णय लिया और दंतेवाड़ा पुलिस के सामने हथियार डाल दिए.
जारी है पूछताछ
हुर्रा ने बताया कि पत्नी की तकलीफों को देख नहीं पाया इसलिए संगठन छोड़ने का निर्णय ले लिया. रात के अंधेरे में किसी तरह से छिपते-छिपाते जंगल से बाहर आ गए, फिर दंतेवाड़ा पुलिस के सामने आकर सरेंडर किया. एसपी सिद्धार्थ तिवारी ने कहा कि सरेंडर दंपति को सरकार की योजनाओं का लाभ दिया जाएगा. फिलहाल इनसे नक्सली संगठन को लेकर पूछताछ जारी है.
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