Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ का यह जिला बना एशिया के सबसे जहरीले सांप का गढ़, 10 दिन में मिले 20 रसेल वाइपर
Chhattisgarh: ठंड से बचने के लिए ये सांप शहरी इलाकों में कबाड़ खाने और घरों में छुपने का प्रयास कर रहे हैं. इन सांपों के काटने से इलाके में कई ग्रामीणों की मौत भी हो चुकी है.
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Dantewada News: छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा (Dantewada) जिले के बचेली और किरंदुल इलाके में पिछले कुछ दिनों से लगातार रसेल वाइपर सांप (Russell Viper) के देखे जाने से लोग दहशत में आ गए हैं. पिछले 10 दिनों में ही बचेली के अलग-अलग इलाकों में 20 से ज्यादा रसेल वाइपर सांप देखे गए हैं. 1 साल पहले ही इस सांप के काटने से एक सर्पमित्र की मौत हो गई थी, ऐसे में बड़ी संख्या में इस इलाके में रसेल वाइपर सांप को लेकर लोगों में डर का माहौल बना हुआ है.
ठंड से बचने के लिये घरों में घुस रहे सांप
बताया जा रहा है कि बचेली इलाके के जंगलों की कटाई करने से और ठंड का मौसम आते ही इस सांप की तादाद तेजी से दिख रही है. ठंड से बचने के लिए ये सांप शहरी इलाकों में कबाड़ खाने और घरों में छिपने का प्रयास कर रहे हैं. यही वजह है कि पिछले दिनों से लगातार इलाके में रसल वाइपर सांप देखे जा रहे हैं. सर्पमित्र अमित मिश्रा ने बताया कि 2 दिन पहले ही उन्होंने चार रसेल वाइपर सांपों का रेस्क्यू कर लोगों की जान बचाई और इन्हें सुरक्षित जंगल में छोड़ा.
10 दिन में दिखे 20 से ज्यादा रसेल वाईपर
अमित मिश्रा बताते हैं कि रसेल वाइपर सांप एशिया का लैंडमाइन कहा जाता है, इसके पीछे यह कारण है कि यह चितकबरा, गुस्सैल स्वभाव और घातक विष से अपने शिकार पर हमला करता हैं. इसे पहचानने के लिए जानकार उसके शरीर पर हीरे जैसे पैटर्न को देखने की सलाह देते हैं लेकिन इस प्रजाति का सांप जब अपनी केंचुली छोड़ता है तो इसका रंग मटमैला हो जाता है और हीरे वाला पैटर्न नजर नहीं आता, इस बीच इसे पहचानना भी मुश्किल हो जाता है.
अमित मिश्रा ने बताया कि बचेली के बड़ापारा में भी ग्रामीण के घर में रसेल वाइपर प्रजाति का सांप मिला. करीब 5 फीट की लंबाई वाले इस सांप को सुरक्षित तरीके से रेस्क्यू किया गया. अमित ने बताया कि सर्दी से बचने के लिए ये सांप शहरी इलाकों का रुख कर रहे हैं, इन सांपों को लेकर सावधानी बरतने की जरूरत है. छत्तीसगढ़ में किरंदुल बचेली इलाके में हैं सबसे ज्यादा रसेल वाइपर सांप देखने को मिलते हैं. इन सांपों के काटने से इलाके में कई ग्रामीणों की मौत भी हो चुकी है.
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