छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में पालनार गांव का एक बच्चा समेत 11 ग्रामीण मुर्गी का अंडा और सल्फी (ताड़ी) पीने से गंभीर रूप से बीमार हो गए. इसके बाद इलाज के अभाव में बीमार एक 15 साल के बच्चे की मौत हो गई. बताया जा रहा है कि बीमार सभी ग्रामीण मजदूर हैं जो जिले के नकुलनार में मजदूरी करने गए हुए थे और पिछले कुछ दिनों से वही रहकर काम कर रहे थे. बताया जा रहा है कि 2 दिन पहले सभी ने मुर्गी और अंडा बनाकर खाया औऱ उसके बाद सभी ने सल्फी पीली. दूसरे दिन सुबह भी इसी खाने को उन्होंने खाया, जिसके बाद उसी दिन सभी की एक साथ तबियत बिगड़ने लगी और सभी को उल्टी दस्त की शिकायत होने लगी.


इस बीच 15 साल के बच्चे की बहुत ज्यादा तबियत बिगड़ गई, जिसे अस्पताल ले जाने की तैयारी  परिजन कर रहे थे, लेकिन इसी बीच इलाज के अभाव में बच्चे ने दम तोड़ दिया, बताया जा रहा है कि 10 बीमार  लोगों में चार की हालत गंभीर बनी हुई है, जिनका इलाज चल रहा है, डॉक्टर ने इसे फ़ूड पॉइजन का मामला बताया है.


फ़ूड पॉइजनिंग का मामला


दंतेवाड़ा के मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर बीआर पुजारी ने बताया कि उन्हें फोन में सूचना मिली कि फ़ूड  पॉइजनिंग का मामला है और 10 लोगों की हालत काफी बिगड़ गई है, जानकारी मिलने के बाद तुरंत ही एक टीम को मौके पर भेजा गया, जिसके बाद इन  लोगों का प्राथमिक उपचार करने के बाद 6 बीमार  लोगों को पालनार स्वास्थ केंद्र  में भर्ती कराया गया, जहां उनकी स्थिति ठीक है, वहीं अन्य चार गंभीर लोगों को किरंदुल के NMDC परियोजना अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनकी स्थिति फिलहाल सामान्य बनी हुई है.


स्वास्थ्य अधिकारी ने  बताया कि मरीजों से जानकारी लेने पर उन्होंने बताया कि अंडा और मुर्गी खाने के बाद सभी ने सल्फी ड्रिंक पी ली थी, इसके बाद उनकी तबीयत बिगड़ने लगी और उल्टी दस्त होने लगी, बीमार  लोगों में एक 15 साल का एक बच्चा भी था, उसकी सबसे ज्यादा तबियत बिगड़ने पर उसे उसके परिजनों ने देसी दवाई खिला दिया था, लेकिन फिर भी उसे राहत नहीं मिली और ज्यादा तबीयत बिगड़ने लगी.


इससे पहले कि बच्चे के परिजन उसे अस्पताल पहुंचा पाते बच्चे की मौत हो गई, फिलहाल सभी बीमार लोगों को बेहतर से बेहतर इलाज देने के लिए BMO और हॉस्पिटल स्टाफ को कहा गया है. इधर बच्चे की मौत के बाद परिजनों में गम का माहौल है.


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