छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा पुलिस के द्वारा चलाए जा रहे नक्सलियों के खिलाफ लोन वर्राटू (घर वापस आइए) अभियान के तहत लगातार नक्सली आत्मसमर्पण कर रहे हैं, पिछले डेढ़ सालों में अब तक 500 से ज्यादा नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है, इनमें 137 नक्सलियों पर ईनाम घोषित है, रविवार को भी दंतेवाड़ा एसपी के समक्ष दो नक्सलियों ने समर्पण किया, इनमें से एक नक्सली पर 1 लाख रुपये का इनाम घोषित था. दोनों ही नक्सली काफी लंबे समय से दंतेवाड़ा जिले के मलांगिर एरिया में सक्रिय थे, सरेंडर करने वाले नक्सलियों में एक जनताना सरकार अध्यक्ष जोगा मंडावी और दूसरा नक्सली केसा मंडावी मिलिशिया सेक्शन कमांडर है. दोनों ने नक्सली लीडरों के प्रताड़ना से तंग आकर और सरकार की पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर पुलिस के समक्ष हथियार डाल दिए.
स्थानीय नक्सली कर रहे सरेंडर
दंतेवाड़ा एसपी सिद्धार्थ तिवारी ने बताया कि पिछले डेढ़ सालों में दंतेवाड़ा जिले में ही 500 से ज्यादा नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है, और इनमें कई लाखों रुपये इनामी नक्सली भी शामिल है, कोंडागांव जिले के बाद दंतेवाड़ा जिले में भी धीरे-धीरे नक्सली संगठन कमजोर हो रहा है ,और जितने भी ग्रामीणों को नक्सली बहला-फुसलाकर अपने संगठन में शामिल किए थे, वे सभी मुख्यधारा में वापस आ रहे हैं.
इनके लिए पुलिस ने लोन वर्रा टू (घर वापस आईए) अभियान चलाया है ,जिसके तहत एक एक नक्सल प्रभावित गांव में बैनर पोस्टर लगाकर नक्सलियों को समर्पण करने को प्रेरित किया जा रहा है, साथ ही नक्सल ऑपरेशन के दौरान जवानों की टीम भी गांव में जाकर आत्मसमर्पण से मिलने वाले लाभ को लेकर गांव में प्रचार प्रसार कर रही है, और इस प्रचार से काफी असर पड़ रहा है, लगातार नक्सली सरेंडर कर रहे है. रविवार को भी 2 नक्सलियों ने सरेंडर किया है, फिलहाल उन्हें 10-10 हजार रुपये प्रोत्साहन राशि के रूप में दिया गया है, जल्द ही सरकार की पुनर्वासनीति के तहत बाकि योजनाओं का भी लाभ दिया जाएगा.
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