छत्तीसगढ़ के इन जिलों में बारिश का कहर, दंतेवाड़ा में कई मकान ढहे, 800 से ज्यादा लोग बेघर
Dantewada News: छत्तीसगढ़ में मूसलाधार बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त है. कई जिलों में बाढ़ से मकान ढहे हैं और गांव टापू बने हैं. सबसे बुरा हाल दंतेवाड़ा जिले का है, जहां NMDC की लाल पानी से कहर मचा है.
Chhattisgarh Rain News: छत्तीसगढ़ में बारिश का कहर जारी है, लगातार हो रही मूसलाधार बारिश से पूरी तरह से आम जन जीवन अस्त व्यस्त हो गया है. कई जिलों में बाढ़ से लोगों के मकान ढह गए हैं, वहीं सैकड़ो की संख्या में गांव टापू में तब्दील हो गए हैं, खासकर ग्रामीण अंचलों में बारिश ने जमकर तबाही मचाई है.
नदी नाले उफान में होने की वजह से आवागमन प्रभावित हो गया है. वहीं छत्तीसगढ़ की सीमा से लगे शहरों में नेशनल हाईवे में बारिश का पानी भर जाने से दूसरे राज्यों से संपर्क पूरी तरह से टूट चुका है, जिससे यात्रियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, इस बारिश के पानी में ग्रामीण अंचलों में कई मवेशी बह गए हैं, वहीं शहरी क्षेत्र में सड़को में लबालब पानी भर जाने से वाहने भी इस बारिश के पानी में डूब गए हैं.
कहर बरपाया है लाल पानी
सबसे बुरा हाल छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग के दंतेवाड़ा जिले का है , जहां NDMC (National Mineral Development Corporation) लौह अयस्क खदान से आ रही लाल पानी ने कहर बरपाया है, दरअसल कुछ दिन पहले भारी बारिश की वजह से एनएमडीसी स्टील प्लांट की किरंदुल में स्थित 11C सेक्टर में बांध टूट गया, जिससे प्लांट के ऊपर का पानी नीचे बस्तियों की ओर आ गया और चारों तरफ इस लाल पानी (लौहचुर्ण युक्त पानी) ने सब कुछ तबाह कर दिया.
इस लाल पानी में कई मकान ढह गए, तो वहीं कई मवेशी भी इस पानी में बह गए, वहीं एक बार फिर पिछले दो दिनों से हो रही लगातार मूसलाधार बारिश ने इस क्षेत्र के रहिवासियों का जीना मुश्किल कर दिया है, 500 से अधिक लोगों को भारी बारिश के बीच इस लाल पानी से बचाकर राहत शिविरों में रखा गया है, प्रभावित लोगों का कहना है कि उनके घर के पूरे सामान इस लाल पानी में बह गए और घर भी पूरा तबाह हो गया ,जानकारी के मुताबिक 800 से ज्यादा लोग इस भारी बारिश की कहर की वजह से बेघर हो गए हैं.
किरंदुल वासियो पर लाल पानी का कहर
जानकारी के मुताबिक बीते 21 जुलाई को एनएमडीसी आयरन ओर खदान के 11C सेक्टर में बांध टूटने के बाद ऊपर से बारिश का पानी बस्ती की ओर तेजी से आ गया, जिससे बंगाली कैंप पूरी तरह से तबाह हो गया, साथ ही किरंदुल बस्ती के सड़कों में पानी ही पानी नजर आया ,कई मकान इस पानी में डूब गए तो वही सड़क में खड़ी कई वाहने भी इस लालपानी में बहने लगे.
21 जुलाई की तबाही के बाद फिर शुक्रवार रात से एक बार फिर भारी बारिश की वजह से किरंदुल में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं, जिस वजह से यहां एसडीआरएफ की टीम स्थानीय पुलिस प्रशासन और जिला प्रशासन की टीम बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के लोगों को घरों से निकालकर सुरक्षित जगह पहुचा रही है, इधर पहाड़ियों से लाल पानी के साथ मिलकर लौहचूर्ण बस्तियों की ओर पहुंच जाने से पूरा इलाका तबाह हो गया है. वहीं दंतेवाड़ा कलेक्टर ने भारी बारिश को देखते हुए और बांध टूट जाने की वजह से लौह
अयस्क खदान के ऊपर से लगातार आ रही लौहचूर्ण लाल पानी को देखते हुए हाई अलर्ट जारी किया है.
बस्तर के सैकड़ो गांव टापू में हुए तब्दील
इधर बारिश ने केवल दंतेवाड़ा जिले में ही नहीं बल्कि सुकमा, बीजापुर, कांकेर, कोंडागांव और बस्तर जिले में भी जमकर तबाही मचाया है, दंतेवाड़ा के बाद बीजापुर में इस बारिश का कर देखने को मिल रहा है, भारी बारिश की वजह से कई नदी नाले उफान पर है, जिस वजह से सैकड़ो गांव का जिला मुख्यालय से संपर्क टूट गया है, नेशनल हाईवे के साथ-साथ अंदरूनी इलाके के सड़के भी जलमग्न हो गए हैं, जिससे आवागमन पूरी तरह से प्रभावित हो गया है, बीजापुर से लगे महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ का संपर्क टूट गया है.
इंद्रावती नदी भी पूरे उफान पर है, जिसके चलते डुबान क्षेत्रो में इसका खासा असर देखने को मिल रहा है, इसके अलावा कांकेर में भी कई गांव टापू में तब्दील हो गए हैं, बारिश का पानी सड़कों में बह रहा है, ग्रामीण क्षेत्रों में खेत खलिहान और कई किसान के मवेशी में इस तेज बहाव में बह गए हैं, सुकमा में भी यही हालात बने हुए हैं, सुकमा से तेलंगाना और आंध्र प्रदेश का संपर्क टूट गया है, नेशनल हाईवे में गोदावरी नदी का पानी भर जाने से सड़कें जलमग्न हो गई है और दोनो तरफ वाहनों की लंबी कतार लग गई है.
मौसम विभाग ने 3 दिनो के लिए येलो अलर्ट जारी
इधर मौसम विभाग ने बस्तर संभाग में येलो अलर्ट जारी किया है, आने वाले दो से तीन दिनों तक बस्तर में भारी बारिश की चेतावनी दी है ,जिस वजह से बस्तर संभाग के आयुक्त डोमन सिंह ने सातों जिलों के कलेक्टर को हाई अलर्ट कर दिया है, खासकर दंतेवाड़ा में इस लाल पानी के कहर से लोगों को बचाने के लिए इन्हें राहत शिविरों में ले जाने और पूरी व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं, इधर इस लाल पानी से प्रभावित लोगों का सब कुछ तबाह हो गया है और यह बारिश उन पर कहर बनकर टूटा है.
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