Dantewada News: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के दंतेवाड़ा (Dantewada) जिले में मौजूद आर्सेल मित्तल निप्पन स्टील कंपनी (Arcelor Mittal Nippon Steel) के आयरन ओर से निकलने वाली लाल मिट्टी ग्रामीणों के लिए जान की दुश्मन बन गई है. इस लाल मिट्टी से ग्रामीणों के सेहत पर काफी बुरा असर पड़ रहा है. आयरन ओर के उत्खनन से निकलने वाली लाल मिट्टी को गांव में डंप किया जा रहा है. इससे सैकड़ों ग्रामीणों की मुसीबतें बढ़ गई है. 


इससे परेशान होकर 20 से अधिक गांव के हजारों ग्रामीणों ने गुरुवार को सड़क पर उतरकर इसका विरोध किया. ग्रामीणों का कहना है कि  इस लाल मिट्टी को डंप करने से 20 गांव के सैकड़ों ग्रामीण प्रभावित हो रहे हैं. यही नहीं उनकी जान का खतरा बढ़ भी गया है. ऐसे में वो चाहते हैं कि इस लाल मिट्टी के डंप को गांव से हटाया जाए.


ग्रामीणों ने निकाली रैली
इससे पहले भी इस कंपनी के जिम्मेदार लोगो ने यहां के ग्रामीणों के साथ वादाखिलाफी की है. लोग विकास की राह देखते देखते थक गए हैं. यहां लोग लाल मिट्टी  की वजह से गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं. ऐसे में वो चाहते हैं कि इस लाल मिट्टी से उन्हें छुटकारा मिले. कंपनी की ओर से सभी नियम कानूनों को ताक में रखकर आयरन ओर का उत्खनन किया जा रहा है और ग्रामीणों के जान के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. इसलिए सैकड़ों प्रभावित ग्रामीणों ने आदिवासी महासभा और सीपीआई के नेतृत्व में दंतेवाड़ा शहर में गुरुवार को रैली निकाली और यहां के कलेक्टर को ज्ञापन भी सौंपा.


लाल मिट्टी से प्रभावित हैं सैकड़ों ग्रामीण
दंतेवाड़ा जिले  के कुंदेली ग्राम पंचायत के ग्रामीणों का आरोप है कि आर्सेलर मित्तल  निप्पन स्टील कंपनी के द्वारा आयरन ओर का उत्खनन किया जा रहा है. इतना ही नहीं खनन करके लाल मिट्टी को कुंदेली ग्राम पंचायत के अलग अलग गांवो में ही डंप किया जा रहा है. मना करने के बावजूद भी कंपनी मनमानी कर रही है. इस लाल मिट्टी से पहले ही बैलाडीला और किरन्दुल के आसपास के कई गांव के लोग प्रभावित हैं. इस लाल मिट्टी से ग्रामीणों के सांस में लाल जहर घोला जा रहा है. ग्रामीणों का आरोप है कि इस मामले में राज्य सरकार भी ध्यान नही दे रही है. उनका कहना है कि गांव में डंप की गई लाल मिट्टी को कंपनी वापस उठाकर ले जाए. वरना वो उग्र आदोंलन करेंगे.


10 दिनों के भीतर इस डंप को नहीं हटाया तो....
वहीं सीपीआई के जिला सचिव भीमसेन मंडावी का भी कहना है कि आयरन ओर के खनन  के बाद बची हुई लाल मिट्टी से क्षेत्र की वन संपदा को भी नुकसान हो रहा है. नदी नालों में भी धीरे धीरे ये लाल जहर फैलेगा. इससे गांव वाले की उपजाऊ जमीन भी खराब हो जाएगी. उन्होंने कहा कि ग्रामसभा जैसी संवैधानिक संस्था का अनादर कर ग्रामीणों के हक को कुचला जा रहा है. ग्राम सभा के विरोध के बावजूद इस तरह लाल मिट्टी डंप कर ग्रामीणों के अधिकारों का हनन किया जा रहा है और उन्हें मौत के मुंह में ढकेला  जा रहा है. उन्होंने कहा कि इस लाल मिट्टी को गांव में डंप करने के विरोध में ग्रामीणों ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है. आने वाले 10 दिनों के भीतर इस डंप  को नहीं हटाया जाता है, तो ग्रामीण उग्र आंदोलन करेंगे. 


फिलहाल इस मामले को लेकर कंपनी के जिम्मेदार अधिकारी कुछ भी कहने से बच रहे हैं. वहीं प्रशासन के अधिकारियों ने भी इस मामले को लेकर कंपनी के अधिकारियों से चर्चा करने की बात कही है.


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