Dantewada Police News: देशभर में रक्षाबंधन का त्यौहार धूमधाम से मनाया जा रहा है. इस त्यौहार को मनाने के लिए भाई बहनों में काफी उत्साह देखने को मिल रहा है. इस पर्व को लेकर छत्तीसगढ़ के बस्तर में कभी नक्सलियों के संगठन में रहे सरेंडर महिला नक्सलियों में अलग ही उत्साह देखने को मिल रहा है. दरअसल संगठन में रहते उन्होंने कभी रक्षाबंधन का त्यौहार नहीं मनाया.


नक्सली संगठन में त्यौहार मनाने की मनाही


सरेंडर महिला नक्सलियों का कहना है कि नक्सली संगठन में त्यौहार मनाने की मनाही है. ऐसे में उन्होंने किसी भी साल राखी का त्यौहार नहीं मनाया, लेकिन कुछ साल पहले सरेंडर करने के बाद पुलिस प्रशासन ने उन्हें विभाग में नौकरी दी. साथ ही इस साल दंतेवाड़ा के पुलिस कप्तान सिद्धार्थ तिवारी को राखी बांधकर उन्होंने हंसी खुशी त्यौहार मनाया. उन्होंने कहा कि यह सब नक्सली संगठन को छोड़ सरकार की मुख्य धारा से जुड़ने पर ही मुमकिन हो पाया है.




नक्सली दल में रहते कभी नहीं मनाया त्यौहार


सरेंडर महिला नक्सली गंगी मरकाम और दुर्गा माड़वी ने बताया कि जब से उन्होंने होश संभाला तब से नक्सली उन्हें अपने साथ दल में शामिल करने के लिए साथ ले गए. इसके बाद उन्होंने सालो संगठन में सक्रिय होकर काम किया. उन्होंने बताया कि संगठन में कोई भी त्यौहार मनाने की पूरी तरह से मनाही है. ऐसे में उन्हें कभी मौका ही नहीं मिला कि वे रक्षाबंधन का त्योहार मना सकें.


धीरे-धीरे बड़े नक्सलियों की प्रताड़ना से तंग आकर और उनकी खोखली विचारधारा से प्रभावित होकर उन्होंने सरकार के मुख्य धारा से जुड़ने का फैसला लिया और सरेंडर करने के बाद उन्हें सरकार की पुनर्वास नीति का लाभ मिला. साथ ही पुलिस विभाग में नौकरी भी मिली और रहने के लिए घर भी मिला. वहीं इस साल रक्षाबंधन का त्यौहार आया तो उन्होंने पुलिस कप्तान को राखी बांधने की इच्छा जाहिर की. जिसके बाद दंतेवाड़ा एसपी सिद्धार्थ तिवारी ने भी महिला सरेंडर नक्सलियों से राखी बंधवाया और उनकी सुखद जिंदगी की कामना की.




लोन वर्रा टू अभियान के तहत नक्सली कर रहे सरेंडर 


दंतेवाड़ा एसपी सिद्धार्थ तिवारी ने बताया कि प्रशासन के द्वारा चलाए जा रहे 'लोन वर्रा टू' (घर वापस आईये) अभियान के तहत धीरे-धीरे नक्सलियों की विचारधारा को छोड़कर बड़ी संख्या में नक्सली सरेंडर कर रहे हैं. सरेंडर करने के बाद उन्हें पुनर्वास नीति का लाभ भी मिल रहा है. उन्होंने नक्सली दलम में रहते कभी तीज त्यौहार नहीं मनाया लेकिन सरेंडर करने के बाद अब सभी त्यौहार को हंसी खुशी मना रहे हैं.


एसपी ने कहा कि नक्सली  सिर्फ स्थानीय ग्रामीणों का दल में रखकर शोषण करना जानते हैं और यही वजह है कि इन ग्रामीणों को एक अच्छी जिंदगी से नक्सलियों ने दूर कर दिया. अब सरकार के मुख्य धारा से जुड़ने के बाद सभी त्यौहार को सरेंडर नक्सली हंसी-खुशी मना रहे हैं और रक्षाबंधन का पर्व भी उन्होंने उनके साथ और बाकी पुलिस के जवानों को राखी बांधकर मनाया.


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