Dantewada News: छत्तीसगढ़ में ग्रामीणों ने तीन दिन में बना डाला पुल, राज्य के सबसे ऊंचे वाटरफॉल तक पहुंचना हुआ आसान
Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के सबसे ऊंचे वाटरफॉल हांदावाड़ा तक पहुंचना अब आसान हो गया है. स्थानीय ग्रामीणों ने तीनों दिनों में ही पुल का निर्माण कर दिया है.
छत्तीसगढ़ के सबसे ऊंचे और बड़े वाटरफॉल में शुमार हांदावाड़ा जलप्रपात अब आसानी से पर्यटक देखने पहुंच सकते हैं. दरअसल दुर्गम रास्ते पहाड़ियों और नालों से गुजरकर इस हांदावाड़ा वाटरफॉल तक पहुंचने के लिए आसपास के ग्रामीणों ने मिलकर नाले के ऊपर लकड़ी का अस्थाई पुल बना दिया है, जिससे अब आसानी से दुपहिया और चार पहिया वाहन यहां से गुजर सकते हैं और इस वाटरफाल के नजदीक पहुंचकर पर्यटक इस वाटरफॉल की खूबसूरती को निहार सकते हैं.
दरअसल बीते 3 से 4 साल पहले यह पूरा इलाका नक्सलियों का गढ़ माना जाता था और इसी वजह से इस खूबसूरत वाटरफॉल को देखने पर्यटक नहीं पहुंच पाते थे, लेकिन अब इस विहंगम वाटरफॉल की खूबसूरती को निहारने आसानी से अपने निजी वाहनों से यहां पहुंचा जा सकता है.
आसपास के ग्रामीणों का कहना है कि गांव में रोजगार के लिए कोई साधन नहीं है और प्रशासन से कई बार बोलने के बावजूद भी हांदावाड़ा को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित नहीं किया गया है, और ना ही सड़क बनाया गया है.
ऐसे में यहां छत्तीसगढ़ के अलावा बाकि राज्यों से भी ज्यादा से ज्यादा पर्यटक पहुंच सके और ग्रामीणों को वाटरफॉल के आसपास छोटे छोटे व्यापार के माध्यम से आय हो सके इसके लिए ग्रामीणों ने सामूहिक श्रमदान कर लकड़ी के पूल का निर्माण कर दिया है.
3 दिन में तैयार किया लकड़ी का पुल
दरअसल आम लोगों की पहुंच से दूर रहा हांदावाड़ा जलप्रपात कुछ साल पहले ही अचानक सुर्खियों में आया, जब बाहुबली फिल्म की टीम द्वारा इस जगह पर आकर कुछ शॉट्स लिए जाने का हल्ला उड़ा. इसके बाद से लोग यहां पहुंचने की कोशिश करने लगे, लेकिन दुर्गम रास्ते से होकर यहां तक पहुंचने के लिए पर्यटकों को करीब 20 से 25 किलोमीटर पैदल सफर ही तय करना पड़ता है और पहाड़ियों पर चढ़कर इस वाटरफॉल तक पहुंचना पड़ता है.
ऐसे में ग्रामीणों ने इस वाटरफॉल तक आसानी से मोटरसाइकिल और चार पहिया वाहन पहुंचे इसके लिए माडरी व इतामपारा के बीच गोयंदर नाला में वाहन पार करने के लिए बांस और लकड़ी से पुल बना दिया, ताकि आसानी से चार पहिया और दोपहिया वाहन उस पार जा सके, वहीं प्रशासन द्वारा दंतेवाड़ा से छिंदनार तक इंद्रावती नदी में पुल बनाने से और अब ग्रामीणों के द्वारा लकड़ी की अस्थाई पुल बनाने से अब ज्यादा से ज्यादा संख्या में पर्यटक हांदावाड़ा जलप्रपात तक पहुंच सकते हैं.
ग्रामीणों का कहना है कि बरसात के समय जरूर यहां पर्यटकों को आने में दिक्कत होगी, लेकिन बाकि मौसम में यहां अब आसानी से अपने निजी वाहन से पर्यटक पहुंच सकते हैं और खूबसूरत वाटरफॉल का नजारा देख सकते हैं, इधर ग्रामीणों का यह भी कहना है कि ज्यादा से ज्यादा पर्यटक आने से उन्हें रोजगार भी मिलेगा और छोटे छोटे व्यापार लगाने से और पर्यटको से शुल्क वसुलने से उनकी आय भी होगी. साथ ही वाटरफॉल के आसपास और भी काम डिवेलप किए जा सकेंगे.
फिलहाल अब इस वाटरफॉल को देखने रोजाना 80 से 100 की संख्या में पर्यटक यहां पहुंच रहे हैं और खूबसूरत नजारे का लुत्फ उठा रहे हैं.
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