Dhamtari: छत्तीसगढ़ में डॉक्टर बनने का सपना देखने वाली मनीषा साहू बनेंगी जैन साध्वी, जानें पूरी कहानी
Chhattisgarh: मनीषा ने 2 साल पहले जब साध्वी बनने की इच्छा जाहिर की तब सभी हैरान रह गए. पिता ने उन्हें समझाने की कोशिश की कि साध्वी बनना आसान नहीं है लेकिन बेटी के फैसले के आगे उन्हें झुकना पड़ा.
Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ में पहली बार साहू समाज की युवती जैन साध्वी बनेगी. धमतरी जिले की रहने वाली 29 साल की मनीषा साहू जैन साध्वी बनेंगी. वे इसी महीने जैन समाज में दीक्षा ग्रहण कर संयम के मार्ग पर चलेंगी. मनीषा के सपने डॉक्टर बनने के थे लेकिन अचानक संयम के रास्ते पर चलने की ठानी और परिवार की नाराजगी के बाद भी साध्वी बनने जा रही हैं. चलिए मनीषा साहू की साध्वी बनने की कहानी जानते हैं.
साहू समाज से पहली साध्वी
दरअसल धमतरी जिले के नगरी वनांचल क्षेत्र के सांकरा निवासी मिथलेश साहू की बेटी मनीषा साहू बी फार्मा, आयुर्वेद की छात्रा हैं. लॉकडाउन के दौरान दुर्ग में रहकर बी फार्मा की पढ़ाई कर रही थीं. इस दौरान जैन मंदिर में जाकर प्रवचन सुना करती थीं. उन्हें लगा कि जैन साधु-साध्वी बनने के लिए किसी भी जाति या समाज का सदस्य होना आवश्यक नहीं है. हर कोई इस संयम की राह को अपना सकता है. ऐसे में उनकी भी इच्छा हुई कि वह संयम पथ की ओर आगे बढ़ सकती हैं और इस रास्ते पर चलकर दूसरों का कल्याण कर सकती हैं. इसलिए उन्होंने वैराग्य शतक की पढ़ाई भी पूरी कर ली है.
डॉक्टर बनने का था सपना
बचपन से ही धार्मिक कार्यों में रुचि रखने वाली मनीषा साहू ने बताया कि, पढ़-लिखकर वह डॉक्टर बनना चाहती थीं लेकिन लॉकडाउन के बाद उन्होंने जैन दर्शन को समझा और फिर साधु-साध्वी के प्रवचन सुनीं. वहीं शंका समाधान और जैन सिद्धातों को उन्होंने समझा तो इसके प्रति उनकी रुचि बढ़ती गई और फिर उन्होंने अध्यात्म के मार्ग को चुना. परिवार वालों ने उन्हें समझाया कि यह राह बहुत कठिन है लेकिन वह सोच समझकर निर्णय ले चुकी हैं.
परिवार की नाराजगी का सामना
पिता मिथलेश साहू पेशे से किसान और राइसमिल संचालक हैं. वहीं परिवार में कुल 8 सदस्य हैं. मिथिलेश साहू की दो बेटियां हैं और एक बेटा है जिनमें मनीषा बड़ी बेटी हैं. जब मनीषा ने 2 साल पहले साध्वी बनने की इच्छा जाहिर की तब सब हैरान रह गए. पिता ने उन्हें समझाने की कोशिश की कि साध्वी बनना आसान नहीं है लेकिन बेटी के फैसले के आगे उन्हें झुकना पड़ा. उन्होंने बताया कि नेक कार्य के लिए जा रही है इसलिए परिवार खुश है.
28 नवंबर को करेंगी दीक्षा ग्रहण
फिलहाल परिवार के साथ साहू समाज ने भी मनीषा के फैसले का सम्मान करते हुए अपनी स्वीकृति दी है. अब वह अपने गुरुणी विजयराज की उपस्थिति में साध्वी की दीक्षा लेगी. आपको बता दें कि 28 नवम्बर को रायपुर के जैन दादा बाड़ी में मनीषा साहू दीक्षा ग्रहण करेंगी. इसकी तैयारी पूरा परिवार कर रहा है.
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