Elephant Terror in Dhamtari: धमतरी जिले में हाथियों के उत्पात से दहशत फैली हुई है. पिछले तीन दिनों में हाथी के हमले में 5 ग्रामीणों की जान चली गई है. जंगल में महुआ बीनने वाले ज्यादातर ग्रामीण हाथियों का शिकार हो रहे हैं. हाथी का आतंक सबसे ज्यादा सिहावा इलाके में है. सिहावा में रोजाना हाथी के हमले में किसी न किसी की जान जा रही है. बावजूद इसके वन विभाग कुछ नहीं कर पा रहा है. वनकर्मियों के हड़ताल पर चले जाने से ग्रामीणों की परेशानी और ज्यादा बढ़ गई है.


हाथियों की चपेट में लगातार आ रहे ग्रामीण


हाथियों के लोकेशन की जानकारी ग्रामीणों को नहीं मिल पा रही है. इसलिए ग्रामीण लगातार हाथियों की चपेट में आ रहे हैं. आज सुबह झुंड से बिछड़े हाथी ने एक महिला और 12 वर्षीय बच्ची की जान ले ली. बच्ची का नाम सिमरन था. सिमरन पिता के साथ जंगल में महुआ बीनने गई थी. दल से बिछड़े हाथी का हमला नगरी रेंज के तुमबाहरा में हुआ. पिता ने किसी तरह अपनी जान बचाई लेकिन बच्ची को हाथी ने घेर लिया.


पिता हाथी के चंगुल से बच्ची को बचा पाता इससे पहले हाथी ने बच्ची की पटककर जान ले ली थी. इसके अलावा चारगांव में भी हाथी ने महिला को कुचलकर मौत के घाट उतार दिया. बिरनासिल्ली के जंगल में दल से एक हाथी बिछड़ गया था. रात को शौच के लिए गांव से बाहर निकली महिला हाथी की चपेट में आ गई.


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महिला की जान लेने से पहले इसी हाथी ने एक और वारदात को अंजाम दिया था. उदंती सीतानगर टाइगर रिजर्व के कक्ष क्रमांक 348 में एक महिला और एक पुरुष को कुचलकर मार डाला. फिलहाल सिहावा इलाके में आतंक का प्रयाय बना हाथी अकेला घूम रहा है. बताया जा रहा है कि ओडिशा से 30 हाथियों का दल छत्तीसगढ़ में घुस आया है.


झुंड से अलग हुए 2 हाथी मचा रहे आतंक


हाथियों के झुंड से 2 हाथी अलग हो गए हैं और आतंक मचा रहे हैं. वन विभाग के मुताबिक हाथी से लोगों को लगातार अलर्ट किया जाता रहा है. मॉनिटरिंग कर वन विभाग हाथियों पर निगाह बनाए रखता है. फिर भी 3 दिन के अंदर हाथी के हमले से 5 ग्रामीणों की मौत हो गई.


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