Chhattisgarh News: नए जिले की घोषणा के बाद कांग्रेस के अंदर मचा बवाल, ब्लॉक अध्यक्ष का इस्तीफा
छत्तीसगढ़ में नए जिले की घोषणा के बाद कांग्रेस के अंदर कलह देखने को मिल रही है. ब्लॉक प्रमुख अजीत लकड़ा ने अपना इस्तीफा कोरिया जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष को सौंप दिया है.
मनेंद्रगढ़, चिरमिरी और भरतपुर को मिलाकर नए जिले की घोषणा के बाद कांग्रेस के अंदर ही बवाल शुरू हो गया है. एक दिन पहले जारी हुए नोटिफिकेशन के बाद अविभाजित कोरिया जिले मे कांग्रेस नेताओं की नाराजगी अब खुलकर सामने आने लगी है. चरचा नगर पालिका के पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष और शिवपुर-चरचा के ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजीत लकड़ा ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. लकड़ा नए जिला मनेंद्रगढ़-चिरिमिरी-भरतपुर में खड़गवां ब्लॉक को जोड़े जाने से नाराज चल रहे थे. अजीत लकड़ा ने अपना इस्तीफा कोरिया जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष को सौंप दिया है. गौरतलब है कि बीते 15 अगस्त को मुख्यमंत्री ने मनेन्द्रगढ़ को जिला बनाने की घोषणा की थी. इधर इस इस्तीफा के बाद कोरिया जिले में कांग्रेसी खेमे मे हडकंप मच गया है.
अजीत लकड़ा का इस्तीफा
अंजीत लकड़ा ने चिट्ठी में लिखा, "हाल ही में कोरिया जिले का बंटवारा कर नवीन मनेंद्रगढ़- चिरमिरी-भरतपुर जिले के निर्माण का नोटिफिकेशन जारी हुआ है. खड़गवां ब्लॉक, मनेन्द्रगढ़ ब्लॉक और भरतपुर ब्लॉक को इसमें शामिल किया गया है. खड़गवां ब्लॉक के 70% से ज्यादा ग्राम पंचायतों ने ग्राम सभा के माध्यम से प्रताव पारित कर अपनी ये मांग रखी है कि उन्हें कोरिया जिले में ही रहने दिया जाए. जनपद पंचायत खड़गवां की सामान्य सभा में भी ये प्रस्ताव पारित किया गया कि उन्हें कोरिया जिले में ही रखा जाए. कोरिया जिले के बचे हुए क्षेत्र के लोगों के द्वारा भी लगातार मांग की जा रही है कि खड़गवां छेत्र को कोरिया जिले में ही रखा जाए. पहली बार ऐसा हो रहा है कि पुराने जिले से नए जिले का क्षेत्रफल बड़ा है. सरकार के इस प्रकार के फैसले से सभी कोरिया वासी दुखी हैं. हमें भी बहुत दुख पहुंचा है. ब्लॉक अध्यक्ष जैसे पद पर रहते हुए हम अपनी सरकार से कोरिया जिले के लिए न्याय नहीं दिला पाए इस बात का बहुत अफसोस है इसके लिए कहीं ना कहीं हम भी जिम्मेदार हैं. इसीलिए इस परिस्तिथि में ब्लॉक अध्यक्ष पद पर बने रहने का मैं अधिकारी नहीं हूं."
लकड़ा ने आगे लिखा कि कांग्रेस पार्टी के शिवपुर-चरचा के ब्लॉक अध्यक्ष पद से इस्तीफा देकर मैं सरकार के इस फैसले का विरोध करता हूं. मैं कांग्रेस पार्टी का सच्चा सिपाही था और सच्चा सिपाही बना रहूंगा ऐसा विश्वास मैं आपको दिलाना चाहता हूं.
ये भी पढ़ें: