छत्तीसगढ़ में धान खरीदी 1 दिसंबर से शुरू होने जा रही है. किसानों का पंजीयन लगभग पूर्ण हो चुका है इस वर्ष पिछले वर्ष की तुलना में दो लाख नये किसानों ने धान बेचने के लिए पंजीकण कराया है साथ ही धान का रकबा में लगभग सवा दो लाख हेक्टेयर वृद्धि हुई है. ऐसे में बड़े स्तर में धान खरीदी को लेकर तैयारी की जा रही है.
वहीं सोमवार को खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने विभागीय अधिकारियों की समीक्षा बैठक ली है. इस दौरान धान खरीदी केन्द्रों के देखरेख के लिए नियुक्त नोडल अधिकारीयों को सख्त निर्देश दिए गए है और कहा है कि, गड़बड़ी और लापरवाही के लिए नोडल अधिकारियों की जवाबदेही होगी.
खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने धान खरीदी की तैयारियों की समीक्षा की
दरअसल खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 में किसानों से समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की तैयारियों की विस्तारपूर्वक समीक्षा की गई. खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने कहा कि प्रदेश के विभिन्न जिलों से किसानों की पंजीयन संबंधी शिकायतें आ रही हैं. राज्य सरकार द्वारा निर्धारित पंजीयन की तिथि तक आवेदन करने वाले नये किसानों का पंजीयन सुनिश्चित करते हुए किसानों के पंजीयन संबंधी तकनीकी त्रुटि को शीघ्र सुधार कर लिया जाए.
उन्होंने कहा कि पहले से पंजीकृत किसानों के पंजीयन को कैरी फॉरवर्ड कर नये किसानों और रकबा की संख्या सुनिश्चित हो, ताकि किसानों की संख्या और रकबा के अनुरूप आगामी धान की खरीदी की तैयारी की जा सके. इसके अलावा प्रदेश के सीमावर्ती इलाकों में अन्य राज्यों से अवैध धान परिवहन की शिकायतें मिलती हैं. एसे में पड़ोसी राज्यों के सीमाओं पर कड़ी निगरानी रखने के निर्देश दिए गए है.
इस वर्ष 105 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी का लक्ष्य
छत्तीसगढ़ में इस वर्ष रिकार्ड धान खरीदी का लक्ष्य रखा गया है. किसानों से 105 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी की जाएगी. बैठक में मंत्री ने धान खरीदी से पहले बारदाने की उपलब्धता की जानकारी ली. उन्होंने बारदाने की नियमित आपूर्ति हेतु जूट कमीश्नर से सतत समन्वय बनाये रखने, राइस मिलरों से बारदानों की व्यवस्था, प्रदेश के उचित मूल्य की दुकानों से मिलने वाले बारदाने की व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा है. इसके अलावा बारदाने की कमी होने की स्थिति में ओपन टेंडर के माध्यम से एचडीपी बारदानों की भी व्यवस्था सुनिश्चित कर लिया जाए.
धान खरीदी केंद्रों में किसानों के लिए होगी बैठक, पानी और बिजली की व्यवस्था
धान खरीदी केन्द्रों में धान बेचने आने वाले किसानों के लिए पानी, बिजली व बैठने आदि की व्यवस्था दुरूस्त करने के निर्देश दिए गए है. प्राथमिक उपचार पेटी की भी व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए हैं. खरीदी केन्द्रों में कंप्यूटर, ऑपरेटर, इंटरनेट एवं कर्मचारियों की पर्याप्त व्यवस्था की जाएगी.
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