Bastar Water Crisis: छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले में फरवरी माह से ही ग्रामीण अंचलों में पेयजल का संकट गहराने लगा है ,गर्मी की शुरुआत में ही ग्रामीण अंचलों में जल स्रोत सूखने लगे हैं. जिस वजह से पेयजल के लिए ग्रामीणों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. कई गांव में हैंडपंप में से पानी नहीं आने की समस्या अभी से शुरू हो गई है, जिसका मुख्य कारण भू-जल स्तर का कम होना माना जा रहा है. जिले के कई गांव ऐसे हैं, जहां नल जल योजना का सुचारू रूप से संचालन नही हो पाया है.
जिसके चलते ग्रामीण पूरी तरह से हैंडपंप पर ही आश्रित है, लेकिन गर्मी के मौसम में कई नलकूप सुख जाते है. जिससे समस्या और बढ़ जाती है. वहीं फरवरी माह से ही पेयजल को लेकर ग्रामीणों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. ग्रामीण एक बार फिर से घर से कई मिल दूर स्थित झरिया का पानी लाकर पीने को मजबूर हो रहे है. सरकारी तंत्र की लापरवाही की वजह से केंद्र सरकार की नल जल योजना कई गांवों में अब तक नही पॅहुच पाई है. जिसका खामियाजा ग्रामीणों को भुगतना पड़ रहा है.
इन इलाकों में है सबसे ज्यादा पानी की दिक्कत
दरअसल बस्तर जिले के साथ-साथ संभाग के भी सातों जिलों में गर्मी के मौसम में ग्रामीण अंचलों के रहवासियों को पेयजल के लिए काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. खासकर सुदूर अंचलों में जहां प्रशासन अब तक नल जल योजना नहीं पहुंचा पाई है. उन इलाकों में ग्रामीणों को झरिया के पानी पर ही निर्भर रहना पड़ता है. इस साल फरवरी माह में ही भू-जल स्तर काफी कम हो गया है.
इस वजह से हैंडपंप से पानी निकलना बंद हो गया है. ग्रामीणों का कहना है कि वह झरिया का पानी पीकर बीमार हो रहे हैं. कई बार प्रशासन के अधिकारियों से नल जल योजना का लाभ दिलाने के लिए मांग करने के बावजूद भी आज तक काम पूरा नहीं हो पाया है. इस वजह से गर्मी के मौसम में पानी के लिए त्राहिमाम मच जाता है. सबसे बुरा हाल सुकमा, बीजापुर और बस्तर जिले के बारसूर इलाके का है, जहां पेयजल की सबसे ज्यादा समस्या बनी हुई है. इन इलाकों में ग्रामीण गर्मी के पूरे महीने तक पेयजल के लिए सबसे ज्यादा परेशान रहते हैं.
सालों से है नल जल योजना का काम अधूरा
बस्तर के विधायक लखेश्वर बघेल का कहना है कि उनके क्षेत्र में गर्मी के मौसम में बीते वर्ष भी पेयजल का संकट गहराने की सूचना मिली थी. जिसके बाद साल भर में नल जल योजना के तहत चल रहे काम पूरा करने के आदेश अधिकारियों को दिए गए थे, लेकिन अभी भी जानकारी मिली है कि कई ग्रामीण क्षेत्रों में यह काम पूरा नहीं हो पाया है. जिस वजह से पेयजल का संकट बना हुआ है. कोशिश की जा रही है कि मार्च या अप्रैल महीने तक उनके विधानसभा क्षेत्र में जहां पानी की सबसे ज्यादा समस्या है. वहां नल जल योजना का काम पूरा कराया जा सके.फिलहाल ग्रामीणों को पेयजल उपलब्ध कराने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था कराने के भी आदेश दिए गए हैं.