Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के दुर्ग (Durg) जिले की नेवई थाना पुलिस ने विशेष प्रजाति के कछुआ की तस्करी (tortoise smuggling) करने वाले छह आरोपियों को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने आरोपियों के पास से दुर्लभ प्रजाति का कछुआ और एक तवेरा गाड़ी बरामद किया है. पुलिस (Durg Police) को आंशका है कि दीपावली की रात जंगल में धनवर्षा भ्रांतियों को लेकर कछुआ की तस्करी की जा रही थी. पुलिस ने कछुआ को वन विभाग (Forest Department) को सौंप दिया है.


महाराष्ट्र से ले जा रहे थे धमतरी 
नेवई थाना प्रभारी ममता अली शर्मा ने बताया कि, मैत्री गार्डन के पास एक तवेरा गाड़ी लेकर कुछ लोग खड़े थे जो संदिग्ध लग रहे थे. इस आशंका पर गाड़ी की तलाशी लेने पर गाड़ी के अंदर एक बड़े बर्तन में दुर्लभ प्रजाति का कछुआ मिला जिसके बाद सभी को थाने ले जाकर पूछताछ की गई. पूछताछ में इन लोगों ने बताया कि इस दुर्लभ प्रजाति के कछुआ को महाराष्ट्र से धमतरी लेकर जा रहे थे. 


पुलिस ने इस मामले में 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया है जिसमें कमलेश यादव निवासी भिलाई, देवीदास मेश्राम खपरागढ़ नागपुर, मनीष कौशिक मिनीमाता नगर नागपुर, ओमप्रकाश वैष्णव नागपुर और श्रीराम आसेकर नागपुर शामिल हैं. पुलिस ने इनके पास से इंडियन फ्लैप सेल टर्टल प्रजाति का कछुआ, 10 हजार रुपए नगद समेत तवेरा गाड़ी बरामद किया है.


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बलि और धन वर्षा के लिए इस्तेमाल
दुर्ग जिले के एसपी अभिषेक पल्लव ने बताया कि, आरोपियों के पास से बरामद किए गए दुर्लभ प्रजाति के कछुआ की तस्करी तंत्र-मंत्र या बलि देने के लिए की जाती है. इस कछुआ की कीमत 1 से 3 लाख रुपये तक है. इस कछुए का उपयोग धनतेरस और दीपावली की रात बलि देने व धन वर्षा करने के लिए भी किया जाता है. इस दुर्लभ प्रजाति के कछुआ की तस्करी करना प्रतिबंधित है. पुलिस ने सभी आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए गिरफ्तार कर लिया है और इनसे पूछताछ कर रही है.  उम्मीद है कि पूछताछ में इनसे और बड़े मामलों का खुलासा हो सकता है.