Durg News: ट्रेनिंग लेकर पुष्पलता ने शुरू किया खुद का व्यापार, आज कर रहीं लाखों का कारोबार, जानें कैसे मिली सफलता?
Chhattisgarh News: पुष्पलता पारकर ने साल भर पहले ही पंचायत विभाग से ट्रेनिंग लेकर वाशिंग पाउडर बनाने का काम सीखा और आज वो लाखों का कारोबार कर रही हैं.
कहते हैं कि दृढ़ संकल्प और कुछ करने का जुनून अगर आप में हो तो कोई भी बड़ा काम आसानी से कर सकते हैं. कुछ ऐसा ही कारनामा पुष्पलता ने कर दिखाया है. पथरिया डोमा की पुष्पलता की कहानी उद्यम का सपना लिये उन महिलाओं के लिए प्रेरक साबित हो सकती है. जिनके मन में काफी उत्साह और मेहनत करने के लिए काफी ऊर्जा है. पुष्पलता पारकर ने साल भर पहले ही पंचायत विभाग से ट्रेनिंग लेकर वाशिंग पाउडर बनाने का काम सीखा.
खुद का ब्रांड बनाकर लोगों के घर पहुंचती हैं पुष्पलता
अपना ब्रांड काफी अच्छा हो इसके लिए क्वालिटी में काफी मेहनत की. फिर गांव-गांव में अपने प्रोडक्ट को लेकर घूम चुकी हैं. शुरूआती दौर में लोगों ने प्रश्न पूछा कि आपसे क्यों लें जब वाशिंग पाउडर क्योंकि दूसरे नेशनल ब्रांड हमारे पास उपलब्ध हैं. तब उन्होंने कहा कि एक बार आप इस्तेमाल कर देखिए, फिर आपको भरोसा होगा कि सस्ती कीमत में यह वाशिंग पाउडर पूरी गुणवत्तायुक्त है.
पुष्पलता ने वाशिंग पाउडर बेचकर खरीदा ई रिक्शा
धीर-धीरे पुष्पलता का बाजार खड़ा हो गया. फिर सी-मार्ट में भी इनका प्रोडक्ट उपलब्ध हो गया. आसपास के पंद्रह गांवों में इनका सामान जाने लगा. जब काफी मांग आने लगी तो इन्होंने ई-रिक्शा खरीद लिया. यह उन्होंने बिहान के माध्यम से लोन में लिया. ई-रिक्शा के माध्यम से पुष्पलता सामान छोड़ती हैं. पुष्पलता ने बताया कि वे स्वयं ई-रिक्शा चलाती हैं उनके पति भी इसे चलाते हैं. धीरे-धीरे काम को विस्तार देना है.
पुष्पलता ने कहा गुणवत्ता पर समझौता नहीं करती
पुष्पलता ने बताया कि यह काम करके काफी अच्छा लग रहा है. आत्मविश्वास बढ़ गया है. हमारी एक ट्रेनिंग हुई थी, ट्रेनिंग में बताया गया कि आप बाजार में तभी लंबे समय तक रह सकते हैं जब सस्ती कीमत में अच्छी चीजें दें, मैं गुणवत्ता से कभी समझौता नहीं करती. कड़ी मेहनत करती हूं इसलिए पैसे भी बचते हैं. पुष्पलता केवल अपने बिजनेस में निवेश नहीं कर रही. वे अपने बच्चों के सुनहरे भविष्य में भी निवेश कर रही हैं. उनकी बेटी ख्याति स्वामी आत्मानंद स्कूल बोरी में पढ़ रही है. ई-रिक्शा से उन्हें एक लाभ और हुआ है. ई-रिक्शा के माध्यम से वो सैजेस के बच्चों को भी स्कूल तक छोड़ती हैं.
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