Durg City Bus: कोरोना की वजह से पिछले 2 सालों से सरकार द्वारा चलाए जा रहे हैं सिटी बस फिर से सड़कों पर दौड़ेगी इसको लेकर भिलाई नगर निगम प्रशासन ने राज्य शासन को प्रस्ताव तैयार करके भेजा है. लेकिन सिटी बसों की हालत देखकर ऐसा लग रहा है कि जो प्रस्ताव निगम प्रशासन ने राज्य शासन को भेजा है. उससे यह बसें ठीक नहीं होगी. क्योंकि ज्यादातर बसों के पहिए गायब है. तो कुछ बसों के इंजन गायब है पूरा बस खंडहर बना पड़ा है.
कबाड़ की हालत में हैं सिटी बसे
केन्द्र सरकार द्वारा संचालित अर्बन पब्लिक ट्रांसपोर्ट सोसाइटी योजना के तहत लगभग 130 करोड़ की लागत से दुर्ग जिले मे 70 सिटी बसों का संचालन किया गया था. उनमें से एक बस जल गई थी. और 69 बसें सड़कों पर चल रही थी. लेकिन कोरोना काल की वजह से लगभग 2 सालों से सिटी बसों के पहिए थमे हुए हैं. आलम यह है कि 2 सालों से डिपो में खड़े यह बस अब खंडहर का रूप ले चुकी हैं. कई बसों के पहिये गायब हैं तो कुछ बसों के इंजन नहीं है. बसों के अंदर के हालात किसी खंडहर से कम नहीं लगता. कुछ बसों के तो सीट ही नहीं है. ऐसे हालात में निगम प्रशासन ने इन्हें ठीक कराने के लिए छत्तीसगढ़ राज्य शासन को प्रस्ताव बनाकर भेजा है. ताकि बसों को सुधार के फिर से सिटी बस चलाया जाए. जिससे आम नागरिक को सुविधा हो. लेकिन पिछले 2 सालों में इन बसों के हालात कैसे हो गए हैं. इसका जायजा एबीपी न्यूज़ की टीम ने लिया.
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क्या तैयारी कर रहा है निगम प्रशासन
भिलाई नगर निगम के कमिश्नर प्रकाश सर्वे का कहना है कि हमने राज्य शासन को सिटी बस को फिर से शुरू करने के लिए प्रस्ताव बनाकर भेजा है. राज्य शासन ने स्वीकृति भी दे दी है. बहुत जल्द हम बसों का मेंटेनेंस करवा कर फिर शहरों में सिटी बस चलाएंगे. कमिश्नर का यह भी कहना है कि बसों के पुर्जे खराब ना हो इस वजह से उनके सामानों को निकालकर सुरक्षित रखा गया है. और कुछ जो सामान है वह खराब हो गए. इसलिए उन सामानों को ठीक करने के लिए राज्य शासन को प्रस्ताव बनाकर भेजा गया था. उस प्रस्ताव का अनुमोदन हो गया है. और बहुत जल्द हम सिटी बस फिर से शुरू कर देंगे.
आम लोगो को हो रही है दिक्कत
आपको बता दें कि कोरोना का संक्रमण कम होने के बाद छत्तीसगढ़ में प्राइवेट बसों व ऑटो का संचालन कई दिनों से शुरु हो चुका है. लेकिन लोगों की सुविधा के लिए शहरों में चलाए जाने वाली सिटी बसों का संचालन अब तक नहीं हो पाया है. इसकी वजह से आम लोगों को प्राइवेट बसों में ज्यादा किराया देखकर सफर करना पड़ता है. जिससे आम लोगों के जेब पर महंगाई की मार ज्यादा पड़ रही है. जिससे आम जनता भी परेशान है.
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